कैनबरा
ऑस्ट्रेलिया में हिंदुओं और मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। नई जनगणना के अनुसार देश की जनसंख्या 30 मिलियन है जो 2015 में 25 मिलियन थी। यहां हर पांच साल में जनगणना होती है।
पिछली जनगणना के दौरान पहली बार यह पाया गया था कि यहां ईसाइयों की संख्या आबादी का केवल 30% है। 20 साल पहले यह आंकड़ा 50% था।
प्रतिशत की दृष्टि से नास्तिकों की संख्या ऑस्ट्रेलिया में दूसरे स्थान पर है। यहाँ 39% लोग ‘ईश्वर’ या ‘दिव्य शक्ति’ को नहीं मानते। ऑस्ट्रेलिया दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है जहाँ ‘नास्तिक’ बहुत अधिक हैं।
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया में हिंदुओं और इस्लाम हिंदुओं और इस्लामवादियों की संख्या में काफी वृद्धि हो गई है। 2015 में ऑस्ट्रेलिया में हिंदू 1.6%, मुस्लिम 2.3% थे। 2021 में हिंदू बढ़कर 2% और मुसलमान 3% हो गए। यह आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में दुनिया के 2% अप्रवासी हैं। केवल ऑस्ट्रेलियाई जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की आधी आबादी विदेशों में पैदा हुई थी या उनके माता-पिता विदेश में पैदा हुए थे।
अंग्रेज ऑस्ट्रेलिया में सबसे पहले पंहुचे थे, इसलिए यह स्वाभाविक ही है कि अंग्रेजी मूल की जनसंख्या सबसे अधिक होनी चाहिए। हालाँकि वे अब खुद को ऑस्ट्रेलियाई कहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय ध्वज में अभी भी ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय ध्वज के ऊपरी कोने में ‘यूनियन जैक’ है। राज्य का सर्वोच्च प्रमुख इंग्लैंड की रानी है। यहां का गवर्नर जनरल ‘राष्ट्रपति’ नहीं है।
ब्रिटिश अभी भी ऑस्ट्रेलिया में ‘बाहरी लोगों’ का सबसे बड़ा समूह हैं। इस प्रकार देखा जाए तो जनसंख्या के तीन वर्ग हैं। (1) जो ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुए, (2) जो इंग्लैंड में पैदा हुए लेकिन ऑस्ट्रेलिया में आकर बस गए, इसके बाद वे हैं जो भारत में पैदा हुए और यहाँ बस गए।