उज्जैन में आज भगवान महाकाल की दूसरी सवारी बड़े ही धूम-धाम से निकलेगी। इस दौरान हजारों भक्त पलक-पावड़े बिछाकर अपने राजा के दर्शन करेंगे। सवारी में हाथी पर भगवान महाकाल का मनमहेश रूप भी दिखाई देगा।
सवारी निकलने से पहले कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित सभामंडप में भगवान की पूजा होगी, इसके बाद ही भगवान श्रीमहाकाल पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर ही सशस्त्र पुलिस बल के जवान भगवान को सलामी देंगे।
भगवान महाकाल की सवारी शाम 4 बजे मंदिर प्रांगण से निकलेगी और अपने निर्धारित मार्ग महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार से कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। यहां भगवान महाकाल की पूजा की जाएगी। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, कार्तिक चौक, ढाबा रोड, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर से होती हुई पुन: मन्दिर में प्रवेश करेगी।
12 ज्योतिर्लिंगों की कथा शिव महापुराण में भी बताई गई है। महाकाल ज्योतिर्लिंग इनमें से तीसरे स्थान पर आता है। ये एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग हैं इसलिए इसका विशेष महत्व है। यहां रोज सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्व प्रसिद्ध है।
सावन में प्रत्येक सोमवार को भादौ के 2 सोमवार को भगवान महाकाल सवारी में बैठकर अपनी प्रजा का हाल-चाल जानने बाहर निकलते हैं।