केजरीवाल ने सावरकर का किया अपमान और बंगलादेशी मौलाना को बताया स्वतंत्रता सेनानी

वीर सावरकर का अपमान करने वाली आम आदमी पार्टी अब बांग्लादेशी मौलाना महमूद हसन को भारत का स्वतंत्रता सेनानी बताते हुए दिल्ली में पोस्टर्स लगा रही है।

75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले जब राष्ट्र ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, ऐसे में देश भर में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर्स लगाए गए हैं। लेकिन, आम आदमी पार्टी को बांग्लादेश के मौलाना से प्यार है और वो उसे भारत का स्वतंत्रता सेनानी बताने को आतुर है।

आम आदमी पार्टी कई महीने पहले दिल्ली के जामिया नगर में आयोजित ‘फ्रीडम फाइटर फाउंटेन’ में चाहती थी कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के संस्थापक मौलाना महमूद हसन देवबंदी के पोस्टर भी लगाए जाएँ।

लेकिन, उसने जो पोस्टर लगाया वो देवबंदी का नहीं, बल्कि मौलाना महमूद हसन का था जो बांग्लादेशी है। वो भी उसकी तस्वीर महात्मा गाँधी, मौलाना अबुल कलम आज़ाद, भगत सिंह, सुखदेव और अशफ़ाक़ुल्लाह खान जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ लगाई गई।

सबसे बड़ी बात तो ये है कि पिछले कई महीनों से ये बोर्ड वहीं पर पड़ा हुआ है और उसमें अब तक कोई सुधार नहीं किया गया है। इस सम्बन्ध में दिल्ली सरकार या AAP की तरफ से कोई प्रतिक्रिया भी नहीं आई है।

सैयद इरफ़ान हबीब नामक इतिहासकार ने भी इसकी पुष्टि की है कि वो तस्वीर महमूद हसन देवबंदी की नहीं है। सन् 1851 में उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्मे ज़ुल्फ़िकार अली देवबंदी के बेटे महमूद हसन के तस्वीर को AAP नहीं पहचानती।

हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीर विनायक दामोदर सावरकर का अपमान किया था और खुद को भगत सिंह का अनुसरण करने वाला बताया था। उन्होंने खुद को ‘भगत सिंह की औलाद’ और भाजपा पर निशाना साधते हुए ‘सावरकर की औलाद’ कहा था।

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर लगे आरोपों पर बौखला कर उन्होंने ये बातें कही थीं। ये मामला आबकारी नीति में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है।

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