सूर्यगढ़ा सीएचसी में डायरिया से संक्रमित मरीजों को मिल रही बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा 

– 08 जुलाई को सूर्यगढ़ा के बुधोली पंचायत में डायरिया संक्रमण की मिली थी पहली शिकायत

– अब तक 98 डायरिया संक्रमण की शिकायत आ चुकी है सामने, सभी को  बेहतर स्वास्थ्य सुविधा करायी गई उपलब्ध 

लखीसराय- 

डायरिया संक्रमण से सामुदायिक स्तर पर लोगों को सुरक्षित करने के लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है।  इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने को लेकर सरकार के निर्देशानुसार स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की  गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। वर्तमान में जिले भर में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चल रहा है। जिसके तहत घर-घर जाकर ओआरएस पैकेट के वितरण के साथ-साथ लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की भी जानकारी दी जा रही है। ताकि संबंधित मरीज शुरुआती दौर में ही बीमारी की पहचान कर  समय पर अपना इलाज शुरू करवा सकें । वहीं, इस साल 08 जुलाई को सूर्यगढ़ा प्रखंड के बुधोली पंचायत में डायरिया संक्रमण की पहली शिकायत सामने आई थी। इसके बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामुदायिक स्तर जाँच अभियान चलाकर अन्य मरीजों की पहचान की गई और सभी मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी  गयी । जिसका  सकारात्मक परिणाम यह है कि संबंधित मरीज आसानी के साथ डायरिया को मात देने में सफल रहे।

डायरिया संक्रमित मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर सीएचसी में बनाया गया स्पेशल वार्ड : सूर्यगढ़ा सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सत्येन्द्र कुमार ने बताया, प्रखंड के बुधोली पंचायत में डायरिया संक्रमण की शिकायत मिलने के बाद अन्य संभावित लोगों की  भी जाँच सुनिश्चित कराने को लेकर सामुदायिक स्तर पर जाँच अभियान चलाया गया। जिसके दौरान संक्रमण की कई शिकायतें सामने आई हैं ।

संबंधित मरीजों को इलाज कराने में कोई असुविधा नहीं हो और सभी लोग सुविधाजनक तरीके से अपना इलाज करवा सकें , इसके लिए सीएचसी में स्पेशल डायरिया वार्ड बनाया गया। जहाँ डायरिया से संक्रमित मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रही है। साथ ही मरीजों की  हर सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है।

52 लोगों का डायरिया वार्ड में हो चुका है समुचित इलाज :सूर्यगढ़ा सीएचसी के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अनिल कुमार कुशवाहा ने बताया, डायरिया संक्रमित मरीजों को बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सीएचसी में स्पेशल डायरिया वार्ड बनाया गया है। जिसमें पर्याप्त संख्या में बेड समेत मरीजों के लिए अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। ताकि इलाज के दौरान मरीजों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी मरीज सुविधाजनक तरीके से अपना इलाज करवा सकें।

वहीं, उन्होंने बताया, डायरिया से संबंधित अबतक प्रखंड में कुल 98 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें बुधोली पंचायत के नवकाडीह में 68, चम्पानगर में 22 एवं निमिया मुसहरी में 08 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। इसमें गंभीर रूप संक्रमित 52 मरीजों का डायरिया वार्ड में इलाज किया गया। जबकि, शेष मरीजों का क्षेत्र में इलाज किया गया। वहीं, उन्होंने बताया, इसके अलावा लगातार मरीजों की पहचान और लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

डायरिया होने पर 14 दिनों तक जिंक का करें सेवन : डायरिया होने पर लगातार 14 दिनों तक जिंक का सेवन करें। 02 माह से 06 माह तक के बच्चों को जिंक की  1/2 गोली 10 मिग्रा पानी में घोलकर या माँ के दूध के साथ घोलकर चम्मच से पिलाएं। 06 माह से 05 साल के बच्चों को एक गोली साफ पानी या माँ के दूध में घोलकर पिलाएं। जबकि, दो माह से कम आयु के बच्चों को 05 चम्मच ओआरएस प्रत्येक दस्त के बाद पिलाएं। 02 माह से 02 वर्ष तक बच्चे को 1/4 ग्लास से 1/2 ग्लास प्रत्येक दस्त के बाद पिलाएं। 02 से 05 वर्ष तक के बच्चों को 1/2 से ग्लास प्रत्येक दस्त के बाद पिलाएं।

जानें क्या है डायरिया और इसके लक्षण: शौच की  अवस्था में बदलाव या सामान्य से ज्यादा बार, ज्यादा पतला या पानी जैसी होने वाली शौच डायरिया (दस्त) का पहला का लक्षण है। इसके अलावा बच्चों में बेचैनी व चिड़चिड़ापन है, अथवा सुस्त या बेहोश है। बच्चे की ऑखें डाउन हो रही हैं । बच्चे को बहुत ज्यादा प्यास लगना अथवा पानी ना पी पाना आदि डायरिया का ही कारण और लक्षण है।

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