बरियारपुर प्रखण्ड के गाँधीपुर में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार रोगियों की करेंगी खोज 

-आगामी 1 से 4 अगस्त तक की जाएगी कालाजार रोगियों की  खोज – 29 जुलाई को हवेली खड़गपुर और 2 अगस्त को धरहरा प्रखण्ड के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में की जाएगी मलेरिया रोगियों की खोज

– मलेरिया रोगियों की खोज के दौरान आशा कार्यकर्ता इन बीमारियों की पहचान और  बचने के उपायों के बारे में करेगी जागरूक 

 मुंगेर-  

आगामी 1 से 4 अगस्त तक बरियारपुर प्रखण्ड के गाँधीपुर में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार रोगियों की खोज करेंगी । इसके अलावा मलेरिया रोगियों की खोज के लिए 29 जुलाई को हवेली खड़गपुर और 2 अगस्त को धरहरा प्रखण्ड के सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बीच जाकर आशा कार्यकर्ता मलेरिया रोगियों को चिह्नित करते हुए उन्हें मलेरिया बीमारी की पहचान और उससे बचने के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्हें मेडिकेटेड मच्छरदानी का नियमित इस्तेमाल करने और अपने आसपास साफ-सफाई रखने के लिए प्रेरित करेंगी ।

इसके साथ ही वो घरों के आसपास गड्ढों  को भरने और एसी, फ्रीज, कूलर, गमला सहित अन्य जगहों में जमा पानी को तत्काल बदलने की सलाह देंगी ताकि वहां मलेरिया, डेंगू-चिकनगुनिया सहित अन्य बीमारियों को पैदा करने वाले मच्छर पनपने न पाए।  जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम पटना के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विनय कुमार शर्मा ने मुंगेर सहित अन्य जिलों के डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर को पत्र जारी कर उच्च प्राथमिकता वाले गांवों में आशा कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर जाकर कालाजार रोगियों की  खोज के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही उन्होंने जनजातीय आबादी वाले प्रखंडों  में विशेष अभियान चलाकर कर मलेरिया रोगियों की खोज करते हुए उन्हें मलेरिया बीमारी के लक्षण और उससे के लिए मेडिकेटेड मच्छरदानी का इस्तेमाल करने के साथ ही अन्य सुरक्षात्मक उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी । उन्होंने बताया कि भारत सरकार के नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत कालाजार के उन्मूलन के लिए 2023 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत पीकेडीएल/एचआईवी वीएल के छुपे हुए रोगियों की घर-घर खोजकर उनकी ससमय जांच और उपचार सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से 1 से 4 अगस्त के दौरान जिला के बरियारपुर क्षेत्र अंतर्गत गाँधीपुर में आशा कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर जाकर कालाजार के संभावित रोगियों की खोज कराने का निर्णय लिया गया है।

मुंगेर के वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि कालाज़ार रोगियों की खोज के दौरान 15 दिन या 15 दिनों से अधिक दिनों से बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होंने बुखार के दौरान  एंटीबायोटिक का सेवन किया हो एवं उसके बाद भी बुखार ठीक नहीं हुआ हो, भूख नहीं लगता हो एवम उसका पेट बड़ा दिखता हो तो उन्हीं व्यक्तियों की जांच आरके 39 किट से करवाने के लिए पीएचसी रेफर किया जाना है।

इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति ने कालाजार का इलाज पहले करवाया हो, फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाए जाएं तो उन्हें आरके 39 किट से जांच नहीं करते हुए बोन मेरो/स्प्लीन एसपाईरेशन जांच के लिए आशा कार्यकर्ता के द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाएगा।  उन्होंने बताया कि वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर के चमड़े पर चकता अथवा दाग हो किंतु उसमें सूनापन नहीं हो तथा वो पहले कालाजार से पीड़ित रहा हो तो वैसे वैसे व्यक्तियों को भी आरके 39 किट से जांच के लिए पीएचसी रेफर किया जाना है।

डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि आशा कार्यकर्ता के द्वारा प्रतिदिन मात्र 50 घरों में कालाजार मरीजों की खोज की  जानी  है। अधिकतम 250 घरों में कालाजार रोगी की खोज करने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप 250 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं के कार्यों का पर्यवेक्षण आशा फैसिलिटेटर के द्वारा किया जाएगा। उन्हें इस काम के लिए 300 रुपये की दर से भुगतान किया जाएगा उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के  मलेरिया और कालाजार रोगियों की खोज के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ माइकिंग के जरिये प्रचार-प्रसार भी कराया जाएगा।

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