नोएडा के श्रीकांत त्यागी केस में BJP के खिलाफ क्यों लमबंद हो रहे यूपी के त्यागी?

नोएडा के ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में श्रीकांत त्यागी वाले विवाद में बीजेपी सांसद महेश शर्मा अब घिरते हुए नजर आ रहे हैं। 6 और 7 अगस्त को सोसाइटी में हुए घटनाक्रम के बाद यह विवाद सत्ता के गलियारों से होते हुए राजनीतिक रंग ले चुका है और आंदोलन के रूप में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सड़कों पर है।

महिला से झगडे के दौरान गाली गलौच करने के आरोपी श्रीकांत त्यागी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जबकि यह कोई ऐसा संगीन अपराध की श्रेणी में नहीं आता है जिसमे जमानत ही ना दी जाये। यह केवल राजनीती के कारण किया जा रहा है। यह केवल पुलिस प्रशाशन द्वारा समझौते के द्वारा निपटाया जाने वाले मामले से ज्यादा और कुछ नहीं है।

गिरफ्तारी के बाद त्यागी समाज के कई संगठन एकजुट होने लगे हैं। अब वो श्रीकांत त्यागी और उसके परिवार के साथ पुलिस के बर्ताव और पूरी घटना को कथित तौर पर राजनीतिक रंग देने के लिए आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।

श्रीकांत त्यागी को जेल भिजवाने में अहम भूमिका निभाने वाले सांसद महेश शर्मा अब जेल भेजे जा चुके श्रीकांत और उनके समर्थकों की पैरवी करते हुए नजर आ रहे हैं।

बीजेपी सांसद महेश शर्मा ने एक पत्र लिखकर अपील भी की है कि उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि श्रीकांत त्यागी के परिवार के साथ उनकी पूरी सहानुभूति है। त्यागी समाज हमेशा से उनका और बीजेपी का समर्थक रहा है।

अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्यागीयों के संख्या बल की बात करें तो तकरीबन 12 से 15 ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमें त्यागी वोटर चुनाव के नतीजों पर प्रभाव डाल सकते हैं।

यही कारण है कि 2024 के आम चुनाव से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों का गुस्सा झेल रही भारतीय जनता पार्टी अब एक और जाति को अपने से अलग होते हुए नहीं देखना चाहेगी। अंदर खाने बीजेपी नेताओं द्वारा त्यागियों को समझाने बुझाने की कोशिश जारी है लेकिन खुलकर अभी तक कोई बड़ा बीजेपी नेता सामने नहीं आया है।

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