नाथनगर में टीबी चैंपियन ने अभियान में सहयोग करने का दिया भरोसा

 -चंपानगर में केएचपीटी ने टीबी चैंपियन के साथ की चर्चा

-इलाज के दौरान होने वाली परेशानियों पर की गई बात 

भागलपुर, 25 अगस्त

नाथनगर प्रखंड स्थित चंपानगर मोबाइल लाइब्रेरी में कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्य़क्रम का संचालन केएचपीटी के कोऑर्डिनेटर फैयाज खान और कृष्णा ने किया। इस दौरान टीबी चैंपियन के साथ इस बीमारी पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में 12 टीबी चैंपियन ने भाग लिया। कार्यक्रम में वास्तव में टीबी चैंपियन कौन हैं, उनके कार्य और टीबी के प्रति समाज में जो छुआछूत की भावना है, इसे कैसे दूर किया जाए, इस पर भी बात हुई।

इस दौरान टीबी चैंपियन ने इलाज के दौरान होने वाली परेशानियों को भी साझा किया और टीबी को लेकर जागरूकता अभियान में सहयोग करने का वादा भी किया। कार्यक्रम के दौरान बुनकर एसोसिएशन के महासचिव अशफाक अंसारी और मोमिन लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन इस्माइल अंसारी ने भी सहयोग  का भरोसा दिया।

टीबी चैंपियन के सहयोग से अभियान को मिलेगी मजबूतीः केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा ने कहा कि वैसे तो टीबी को लेकर जागरूकता के तमाम कार्य़क्रम चल रहे हैं, लेकिन इसमें टीबी चैंपियन की भूमिका से और मजबूती मिलेगी। टीबी चैंपियन इस बीमारी से उबर चुके होते हैं, उन्हें अच्छे तरीके से पता होता है कि टीबी बीमारी के दौरान किन परेशानियों को झेलना पड़ता है। बहुत लोग उससे निपटने के तरीके भी जानते हैं। इसलिए ये लोग जब लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करेंगे तो इसका ज्यादा असर होगा। यही कारण है कि हमलोग जागरूकता अभियान में टीबी चैंपियन का भी सहयोग ले रहे हैं। इसका फायदा भी हो रहा है।

छुआछूत को खत्म करने की जरूरतः आरती झा ने बताया कि टीबी को लेकर समाज में छुआछूत को खत्म करने की जरूरत है। सामाजिक तौर पर जो टीबी मरीजों से भेदभाव होता है, इससे लोग अपनी बीमारी को छुपाने का प्रयास करते हैं। इससे कई और लोगों में बीमारी फैलने की भी संभावना बढ़ जाती है। साथ ही इलाज में भी देरी होती है। अगर छुआछूत खत्म हो जाए, समाज में इसके प्रति सकारात्मक सोच हो तो इस बीमारी पर जल्द काबू किया जा सकता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से हमलोग लगातार जागरूकता कार्यक्रम कर रहे हैं। टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक भी कर रहे हैं।

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