नोएडा सेक्टर-93 ए स्थित ट्विन टावर ध्वस्त, धूल का बादल ग्रेटर नॉएडा की और

नोएडा सेक्टर-93 ए स्थित ट्विन टावर को तय समय पर जमींदोज कर दिया गया है। यह पहली बार है, जब सुरक्षित तरीके से देश में 100 मीटर से ऊंची इमारतों को 3700 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल कर ध्वस्त कर दिया गया है। जैसे ही एडिफिस कंपनी के भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता ने ब्लास्ट का फाइनल बटन दबाया तो ट्विन टावर ताश के पत्तों की तरह जमीन पर धराशायी हो गए।

इतनी बड़ी इमारत झरने की तरह गिरी तो दूर से देखने वालों नेे भी दांतों तले उंगलियां दबा लीं। धमाका होते कई किलोमीटर दूर बैठे लोग भी हिल गए। लोगों ने भूकंप की तरह झटका महसूस किया। इस ब्लास्ट से एटीएस विलेज और सुपरटेक एमाराल्ड सोसायटी में भी नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि हवा के चलते धूल का गुबार ग्रेटर नोएडा की तरफ बढ़ गया है।

एडिफिस कंपनी के भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता के बटन दबाते ही 103 मीटर का एपेक्स और 97 मीटर का सियान टावर झरने की तरह जमीन पर आ गिरा। इसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। ध्वस्तीकरण के बाद अब आसपास हुई क्षति और ध्वस्तीकरण के प्रभाव का आकलन किया जाएगा। बताया जा रहा है कि एटीएस वीलेज और सुपरटेक एमराल्ड सोसाइटी में नुकसान हुआ है।

ब्लास्ट के बाद उठा धूल का बवंडर ग्रेटर नोएडा की तरफ बढ़ रहा है। हवा के कारण ये हालत बने हैं। जबकि ब्लास्ट वाले स्थान पर करीब 4 मंजिला मलबा अब साफ नजर आने लगा है। कहा यह भी जा रहा है कि दो फ्लोर नहीं टूटे हैं। कंट्रोल रूम से हर तरफ नजर रखी जा रही है। ग्रेटर नोएडा के लोगों से भी अपील की गई है कि वह कुछ समय अपने घरों में रहे और खिड़की दरवाजे बंद कर लें। जरूरी हो तो शाम को डबल मास्क के साथ बाहर निकलें।

ध्वस्तीकरण के बाद मलबे के निस्तारण के प्रयास किए जाएंगे। नोएडा सेक्टर-80 के सीएंडडी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट मलबे का निस्तारण होगा। इसके साथ ही सड़क, फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज और पेड़ पौधों की भी पानी से धुलाई की जाएगी।

SHARE