भागलपुर जिले में टीबी उन्मूलन को लेकर अभियान तेज

-सन्हौला औऱ सबौर प्रखंड में ऑटो चालकों को दिया गया प्रशिक्षण-चालकों को टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की दी गई जानकारी 

भागलपुर, 05 सितंबर- टीबी उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अभियान को तेज कर दिया है। इसे लेकर लगातार कार्यक्रम आय़ोजित किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सन्हौला और सबौर प्रखंड में ऑटो चालकों को टीबी को लेकर प्रशिक्षण दिया। इस दौरान ऑटो चालकों को टीबी के लक्षण, इलाज और बचाव की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण देने का काम केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा के नेतृत्व में केएचपीटी के अन्य कर्मियों ने किया।टीबी को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा गयाः सन्हौला के सर्वोदय बाल विकास केंद्र में आरती झा के नेतृत्व में 25 ऑटो चालकों को कृष्णा कुमारी और अमर कुमार सिंह द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान स्कूल के प्रधानाचार्य विकास कुमार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑटो चालकों को प्रशिक्षण के दौरान खुद को तो टीबी को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा ही गया। साथ ही दूसरे लोगों को भी जागरूक करने के लिए बताया गया। उन्हें कहा गया कि अगर समाज में किसी व्यक्ति को टीबी हो तो उसे इलाज के लिए अस्पताल लाएं, ना कि उस बीमार व्यक्ति से किसी तरह का भेदभाव करें। टीबी अब छुआछूत की बीमारी नहीं रही। जितना जल्द टीबी के मरीज ठीक होंगे, उतना ही जल्द जिला टीबी से मुक्त होगा।टीबी के बारे में जानकारी लोगों से करें साझाः वहीं राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्य़क्रम (एनटीईपी) के तहत सबौर में भी ऑटो चालकों के साथ केएचपीटी ने बैठक की। बैठक में ऑटो चालक यूनियन संघ के अध्यक्ष ने भी शिरकत की। यहां पर आरती झा के नेतृत्व में श्वेता कुमारी ने 21 ऑटो चालकों को प्रशिक्षण देने का काम किया। प्रशिक्षण के दौरान ऑटो चालकों को बताया गया कि हम सभी लोगों में कई तरह की भूमिका निभाने की क्षमता है। जरूरत है उसे पहचानकर उस पर काम करने की। यहां पर भी ऑटो चालकों को टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी गई। साथ ही इसे समाज के लोगों के साथ साझा करने की अपील की गई।सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करना जरूरीः केएचपीटी की  डिस्ट्रिकिट टीम लीडर आरती झा ने बताया कि टीबी उन्मूलन को लेकर हमलोगों ने प्रयास काफी तेज कर दिए हैं। सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। समाज के समूहों को टीबी के बारे में जानकारी दी जा रही है। इससे टीबी को लेकर एक-एक लोगों में जागरूकता बढ़ेगी, जिससे इस बीमारी पर लगाम लग पाएगा। अगर हर कोई टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में जान जाएंगे तो फिर टीबी जड़ से समाप्त होगी। इसलिए हमलोग लगातार सामुदायिक स्तर पर प्रशिक्षण देने का काम कर रहे हैं।

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