आज राष्ट्रपति करेंगी प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ

9 सितंबर को 12 बजे से वर्चुअल होगी शुरुआत वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का रखा गया है लक्ष्य

 पटना- 

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ राष्ट्रपति के द्वारा आज 9 सितम्बर यानि शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बजे के बीच किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले वर्ष 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस उद्देश्य को हासिल करने की दिशा में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान की शुरुआत की जा रही है। इस अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र लिखकर राज्य के सभी सिविल सर्जन एवं सभी अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, संचारी रोग( यक्ष्मा) को सूचित किया गया है। साथ ही इसमें भाग लेने को राज्य के सभी संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

टीबी के खिलाफ़ लड़ाई को सशक्त करना लक्ष्य: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के खिलाफ़ लड़ाई में समाज की भागीदारी सुनिश्चित करना एवं टीबी रोगी को बेहतर पोषण के जरिए उपचार है। साथ ही टीबी रोगी के परिवार के लिए टीबी निवारक उपचार एवं जेब से होने वाले खर्चे में कमी लाना भी अभियान के उद्देश्यों में शामिल है।मरीजों को दी जा रही है पोषण प्रोत्साहन राशि टीबी के मरीजों को इलाज के दौरान बेहतर पोषण की जरूरत होती है। इसके लिए सरकार की तरफ से निश्चय पोषण योजना के तहत मरीजों को हर माह 500 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके साथ ही गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्थाओं, सिविल सोसाइटी के माध्यम से कार्यक्रम को जन आंदोलन ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ के रूप में संचालित करने के उद्देश्य से राज्य टीबी फोरम और 38 जिला टीबी फोरम का गठन किया जा चुका है।

अभियान का मिला सकारात्मक परिणाम स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए अभियान का काफी सकारात्मक परिणाम मिला है। विदित हो कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में 1 लाख 90 हजार टीबी के मरीजों की पहचान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके सापेक्ष में 1 लाख 32 हजार 145 नए टीबी मरीजों की पहचान की गई है। इनमें से 61 हजार 916 की सरकारी और 70 हजार 229 की निजी अस्पतालों में पहचान की गई। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर 29 लाख 94 हजार 330 लक्ष्य के विरुद्ध 21 लाख 430 हजार 606 टीबी के मरीजों की पहचान हुई है। जिला यक्ष्मा विभाग निरंतर टीबी के मरीजों की पहचान करने में जुटा है और प्रयासरत है कि मरीजों को समुचित उपचार ससमय प्राप्त हो सके।

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