नियमित टीकाकरण की रफ्तार को गति देने को कार्यशाला का आयोजन


– टीकाकरण के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी भी हुए शामिल 

बांका, 13 सितंबर

 मंगलवार को बांका स्थित एक निजी होटल में डब्ल्यूएचओ एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला सह उन्मुखीकरण का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ योगेन्द्र प्रसाद मंडल ने की। जबकि, मुख्य अतिथि के रूप में टीकाकरण के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ रामरतन कुमार भी शामिल हुए। कार्यशाला के दौरान नियमित टीकाकरण की रफ्तार को गति देने पर बल दिया गया। इस दौरान कार्यशाला में मौजूद प्रतिभागियों को बताया गया कि कोविड के दौरान नियमित टीकाकरण की रफ्तार में कमी आई है, जिसे गति देने की जरूरत है। इसको लेकर कार्यशाला में विस्तृत चर्चा करते हुए मौजूद सभी पदाधिकारियों और कर्मियों को आवश्यक व जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। वहीं, कार्यशाला को राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ रामरतन कुमार ने संबोधित करते हुए टीकाकरण की रफ्तार को गति देने, पोषण माह के महत्व समेत अन्य आवश्यक जानकारी दी। इस मौके पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डाॅ उमेश नंदन प्रसाद सिन्हा, जिला मलेरिया पदाधिकारी डाॅ वीरेंद्र यादव, भीडीसीओ आरिफ इकबाल, केयर इंडिया के डीटीएल तौसिफ कमर, डीटीओ राकेश कुमार, डब्ल्यूएचओ के डाॅ सौमाल्या घोष, जिला प्रतिरक्षण कार्यालय के सौरभ वर्मा, आईसीडीएस डीपीओ, विभिन्न प्रखंडों के सीडीपीओ, सभी अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अनुश्रवण व मूल्यांकन सहायक, नोडल पदाधिकारी,एल एस, बीएचएम समेत यूनिसेफ, पिरामल समेत अन्य सहयोगी स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि मौजूद थे। 

– बच्चों को विभिन्न प्रकार के गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी : 

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ योगेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया, बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण (आरआई) बहुत जरूरी है। यह शरीर में बीमारियों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है। साथ ही एंटीबॉडी बनाकर शरीर को सुरक्षित रखता है। टीकाकरण से बच्चों में जानलेवा बीमारियों का खतरा बहुत अधिक कम हो जाता है। शिशुओं की मौत की एक बड़ी वजह उनका सही तरीके से टीकाकरण नहीं होना है। टीकाकरण संक्रमण के बाद या बीमारी के खिलाफ व्यक्ति की रक्षा करता  और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। शिशुओं को स्तनपान कराने से भी उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली तेज होती है। टीकाकरण से बच्चों को चेचक, हेपेटाइटिस जैसी अन्य बीमारियों से बचाया जा सकता है। वहीं, उन्होंने बताया, इसलिए, टीकाकरण शिशु के लिए बहुत जरूरी है। बच्चों में होने वाली बीमारियों व संक्रमण का असर तेजी से उनके शरीर पर होता है और उनके अंगों को प्रभावित करता है। बीसीजी, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, डीटीपी, रोटावायरस वैक्सीन, इन्फ्लूएंजा व न्यूमोनिया के लिए टीकाकरण किये जाते हैं। 

– प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को ऑगनबाड़ी केंद्रों पर होता है नियमित टीकाकरण : 

प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को जिले के ऑंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित रूप से नियमित टीकाकरण का आयोजन किया जाता है। जिसके माध्यम ऑंगनबाड़ी केंद्रों पर शिविर आयोजित कर एएनएम द्वारा संबंधित क्षेत्र की आशा और सेविका के सहयोग से बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाता है। 

– अभियान चलाकर योग्य लाभार्थियों को किया जाएगा टीकाकृत : 

शत-प्रतिशत लाभार्थियों का नियमित टीकाकरण सुनिश्चित कराने को जिले भर में अभियान चलाया जाएगा। जिसके माध्यम से प्रत्येक लाभार्थियों को चिह्नित कर टीकाकृत किया जाएगा। इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता समेत ऑंगनबाड़ी सेविका सहित अन्य कर्मियों का सहयोग लिया जाएगा।

SHARE