-अभियान के दौरान दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों की जांच की जाएगी
-कुष्ठ रोग की पुष्टि हो जाने पर एमडीटी से मुफ्त में कराया जाएगा इलाज
बांका, 16 सितंबर
जिले में आठ अक्टूबर से कुष्ठ रोगी खोज अभियान चलेगा, जिसका समापन 17 अक्टूबर को होगा। इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इसे लेकर जल्द ही टीम का गठन किया जाएगा और उसके बाद प्रशिक्षण का काम शुरू किया जाएगा। एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि कुष्ठ रोगी खोज अभियान के लिए एक योजना बनाने का निर्देश दिया गया है। सभी जगहों से योजना आ जाने के बाद उसके मुताबिक काम किया जाएगा। इस अभियान के तहत कुष्ठ रोगियों की खोज कर उनका मुफ्त इलाज किया जाएगा। आमलोगों से मेरी अपील है कि अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को सहयोग करते हुए अपनी जांच करवा लें, ताकि कुष्ठ जैसी बीमारी को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।
एसीएमओ ने बताया कि इस अभियान के लिए दो सदस्यीय दल का गठन जाएगा, जिसमें एक आशा कार्यकर्त्ता और एक पुरुष कार्यकर्त्ता होंगे। इस दल के सदस्य प्रतिदिन 20 से 25 घरों पर जाएंगे और वहां दो वर्ष से अधिक के सभी सदस्यों का शारीरिक परीक्षण करेंगे। पुरुष का शारीरिक परीक्षण पुरुष करेंगे और महिलाओं का आशा कार्यकर्ता करेंगी। इस दौरान अगर कोई कुष्ठ के लक्षण वाले मरीज मिलते हैं, जिनके शरीर पर कोई दाग धब्बा हो या शरीर में शून्यता हो जो कि जन्म से नहीं हो और खुजली नहीं हो ऐसे लोगों को जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजने का काम दल के सदस्य करेंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच के बाद अगर कुष्ठ रोगी होने की पुष्टि हो जाती है तो उनका मुफ्त में एमडीटी से इलाज किया जाएगा। कुष्ठ रोगी होने की पुष्टि चिकित्सा पदाधिकारी करेंगे।
1738 दो सदस्यीय दल का किया जाएगा गठनः खोजी दल के सदस्यों को प्रतिदिन 75 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। अभियान के कुल 10 दिनों का 750 रुपये खोजी दल के सदस्यों को दिया जाएगा। आशा फैसिलिटेटर पर्यवेक्षण का कार्य करेंगी। उन्हें भी प्रतिदिन के हिसाब से 75 रुपये का भुगतान किया जाएगा। जिला नाभिकीय दल के मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि इस कार्य के लिए पूरे जिले में कुल 1738 दो सदस्यीय दल का गठन किया जाना है। साथ ही 87 आशा फैसिलिटेटर को पर्यवेक्षण के काम में लगाया जाएगा। इसे लेकर सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को यथाशीघ्र कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया जा चुका है। उसके बाद प्रशिक्षण कार्यक्रम चालू किया जाएगा।