बांका जिले को टीबी मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं आशा सुनीता कुमारी

-लोगों को जागरूक करने से लेकर टीबी के लक्षण की भी कर रहीं पहचान
-कटोरिया की रहनेवाली हैं , अबतक 17 लोगों को टीबी से करा चुकी हैं मुक्त

बांका-

जिले को 2025 तक टीबी से मुक्त बनाना है, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के एक-एक कर्मी लगे हुए हैं। चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर ड्रग इंचार्ज, लैब टेक्नीशियन, पर्यवेक्षक से लेकर आशा कार्यकर्ता अपने काम में लगे हुए हैं। जिले के कटोरिया की रहने वाली आशा कार्यकर्ता सुनीता कुमारी भी टीबी मुक्त अभियान में अपनी भूमिका बढ़-चढ़कर निभा रही हैं। वह लोगों को जागरूक करने से लेकर टीबी के लक्षण की भी जानकारी लेती हैं। साथ ही लोगों को टीबी के लक्षण, इलाज और बचाव के बारे में भी जानकारी देती हैं।
आशा कार्यकर्ता सुनीता कहती हैं कि जब मैं अपने क्षेत्र में दौरा करती हूं तो अन्य काम के साथ टीबी मरीजों के बारे में भी पता करती हूं। जिनका इलाज चल रहा है, उन्हें नियमित तौर पर दवा लेने के लिए कहती हूं। साथ ही लोगों को टीबी के लक्षण के बारे में भी बताती हूं। उन्यें इस बात की जानकारी देती हूं कि अगर किसी को दो हफ्ते तक लगातार खांसी हो रही हो, बलगम के साथ खून आ रहा हो, शाम को अधिक पसीना आए या फिर लगातार बुखार रह रहा हो तो मुझे बताएं। या फिर नजदीकि सरकारी अस्पताल जाकर अपनी जांच करवाएं। जांच में अगर टीबी की पुष्टि हो जाती है तो सरकार की ओर से मुफ्त में इलाज किया जाएगा। दवा का भी पैसा नहीं लगेगा। साथ ही जब तक इलाज चलेगा, तब तक पांच सौ रुपये की सरकारी सहायता पौष्टिक भोजन के लिए भी दी जाएगी।
अब तक 17 मरीजों को ढूंढ़कर करवा चुकी हैं इलाजः सुनीता ने अबतक अपने क्षेत्र के 17 टीबी मरीजों को ढूंढ़ निकाला और सभी का इलाज भी करवाया है। ये सभी मरीज अब स्वस्थ हैं। सुनीता के प्रयास से टीबी से ठीक हुए अर्जुन गोस्वामी कहते हैं कि बहन सुनीता के ही प्रयास से मुझे पता चल पाया कि मुझे टीबी हो गया है। इसके बाद जांच-इलाज से लेकर वह लगातार निगरानी करती रहीं। इसका परिणाम है कि मैं आज पूरी तरह से स्वस्थ हूं। साथ ही मेरा जब तक इलाज चला, उनके सहयोग से मुझे पांच सौ रुपये प्रतिमाह की राशि भी मिली। इसके लिए मैं सुनीता बहन का धन्यवाद करती हूं।
दूसरों के लिए भी बनीं प्रेरणाः जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय कहते हैं कि जिले को टीबी से मुक्त बनाने में पूरा विभाग लगा हुआ है। जिला यक्ष्मा केंद्र से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मी और गांव-गांव घूमने वाली आशा कार्यकर्ता भी इसमें अपनी भूमिका निभा रही हैं। इसी का परिणाम है कि बड़ी संख्या में टीबी के मरीज सामने आ रहे हैं और इलाज के बाद स्वस्थ भी हो रहे हैं। कटोरिया की सुनीता कुमारी अच्छा काम कर रही हैं। ऐसे लोगों से दूसरों को भी अपना काम बेहतर तरीके से करने की प्रेरणा मिलती है।

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