गहलोत अध्यक्ष बनते और सीएम पद छोड़ते तो सचिन पायलट आसानी से सत्ता संभालते और स्थिति नियंत्रित रहती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अशोक गहलोत के वफादार विधायकों ने सामूहिक इस्तीफा देकर स्थिति को बिगाड़ दिया। राजस्थान की राजनीति में भूचाल सा आ गया जिसकी कम्पन दिल्ली से लेकर केरल तक में देखने को मिली। इससे कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व काफी नाराज हो गया। यहाँ तक कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर करने की मांग कर डाली। अब खबर है ये मांग स्वीकार कर ली गई है।
सोनिया गांधी अशोक गहलोत से काफी ज्यादा नाराज हैं। ये नाराजगी इतनी बड़ी है कि अशोक गहलोत के हाथ से अब अध्यक्ष पद निकल गया है और कहा जा रहा है कि उनके सीएम पद पर भी अब तलवार लटक रही है।
अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद कि रेस से बाहर हो जाने के बाद अब मलिकार्जुन खड़गे, दिगविजय सिंह, मुकुल वासनिक, कमलनाथ और केसी वेणुगोपाल जैसे नामों की चर्चा है। यहाँ तक कि शशि थरूर भी 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र भरने वाले हैं।
इनमें भी राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले केसी वेणुगोपाल का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। केसी वेणुगोपाल कई सालों से पार्टी के कई अहम मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। उनके अध्यक्ष बनाकर दक्षिण भारत में कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटेगी।