अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस- सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क जांच शिविर आयोजित ,वृद्धजनों के बीपी और शुगर की जांच की गई

  • 01 से 14 अक्टूबर तक जिला भर के स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया जाएगा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच पखवाड़ा
  • सदर अस्पताल में आयोजित निःशुल्क जांच शिविर में 40 से अधिक वृद्धजनों के बीपी और शुगर की हुई जांच

मुंगेर, 01 अक्टूबर-

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर शनिवार को सदर अस्पताल सहित जिला भर के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क जांच शिविर में वृद्धजनों के बीपी और शुगर की जांच की गई । इसके साथ ही शनिवार से आगामी 14 अक्टूबर तक जिला भर के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क स्वास्थ्य जांच पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है ।

मुंगेर के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ के. रंजन ने बताया कि इस पखवाड़ा के दौरान शिविर में आने वाले सभी वृद्धजनों के गैर संचारी रोग जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, गठिया, पर्किंशन, मनोभ्रन्श, अल्जाइमर, आंख, नाक, कान, गला रोग, दंत रोग आदि की विशेष जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही वृद्धजनों को आवश्यक दवाइयों के वितरण की साथ ही बीमारियों से बचने के उपाय एवम खानपान से संबंधित उचित मशविरा भी दिया जायेगा। इसके लिए शिविरों में ग्लूकोमीटर, लेसेंट, ग्लूकोस्ट्रोल, बीपी मशीन आदि की भी व्यवस्था की गई है।

सदर अस्पताल के एनसीडी विभाग में कार्यरत मनोचिकित्सक नितिन आनंद ने बताया कि शनिवार को वर्ल्ड एल्डरली डे के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर में 40 से अधिक वृद्धजनों के बीपी और शुगर की जांच की गई । इसमें से 50 प्रतिशत वृद्धजनों का बीपी और शुगर बढ़ा हुआ पाया गया है। उन्होंने बताया कि बीपी और शुगर एक क्रोनिक बीमारी है। जो जल्दी पता नहीं चलता है। जब किसी बीमारी का इलाज करवाने के दौरान जांच करवाने पर पता चलता है कि मरीज का बीपी और शुगर बढ़ा हुआ है। कोई मरीज लम्बे समय से शुगर बढ़ने के कारण मोतियाबिंद और बीपी बढ़ने के कारण पारालायसिस से ग्रसित हो सकता है । ऐसे मरीज का पहले से बीमारी का डिटेक्शन करने या अर्ली डिटेक्शन के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 01अक्टूबर को विश्व वृद्धजन दिवस या वर्ल्ड एल्डर्ली डे मनाया जाता है। ताकि बीपी और शुगर की वजह से समय से पूर्व बीमारियों का डिटेक्शन या अर्ली डिटेक्शन हो सके।

मधुमेह के लक्षण और बचाव के उपाय :
लक्षण –
बार- बार पेशाब लगना, लगातार वजन का घटना, हमेशा संक्रमण होना, अधिक प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना इत्यादि।
बचाव के उपाय –
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, मदिरा या तम्बाकू युक्त पदार्थों का सेवन नहीं करना, कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकना, वजन एवम रक्तचाप पर नियंत्रण रखना एवम नियमित शर्करा, गुर्दे, आंखों एवम पैरों की जांच करवाएं।

उच्य रक्तचाप के कारण और बचने के उपाय :
कारण –
परिवार में किसी सदस्य को उच्य रक्तचाप का इतिहास, अधिक वजन या मोटापा, शराब/तम्बाकू का अत्यधिक सेवन, गुर्दा की बीमारी, तनाव के कारण, अत्यधिक नमक का सेवन ।

बचने के उपाय –
वजन नियंत्रित रखें, शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि, संतुलित आहार, फल एवम सब्जियों का सेवन, रक्तचाप की नियमित जांच,चिकित्सकीय जांच के अनुसार दवाइयां लें, शराब और तम्बाकू का सेवन नहीं करें, तनाव से बचें और तेल, घी, एवम नमक का सेवन कम करें ।

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