कुपोषण मुक्त स्वस्थ समाज को ले अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही महिला पर्यवेक्षिका अंकिता कुमारी

  • जिले के परबत्ता बाल विकास परियोजना कार्यालय में तैनात हैं अंकिता कुमारी, 41 ऑंगनबाड़ी केंद्रों की संभाल रही हैं जिम्मेदारी
  • पोषण समेत विभाग से संबंधित अन्य कार्यों का बेहतर तरीके से निष्पादन करने के लिए सीडीपीओ के हाथों हो चुकी सम्मानित

खगड़िया, 10 अक्टूबर –

कुपोषण मुक्त और स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर जिले के आईसीडीएस के पदाधिकारी और कर्मी लगातार प्रयासरत हैं । जिले के तमाम पदाधिकारी और कर्मी सामुदायिक स्तर पर लोगों तक जरूरी और आवश्यक जानकारी पहुँचाने में हरसंभव प्रयासरत हैं। ताकि सामुदायिक स्तर पर लोगों को उचित पोषण का संदेश पहुँच सके और कुपोषण मुक्त एवं स्वस्थ समाज निर्माण हो सके। ऐसे ही कर्मियों में परबत्ता बाल विकास परियोजना कार्यालय में महिला पर्यवेक्षिका (एल एस) के पद पर तैनात अंकिता कुमारी का नाम इलाके में शुमार है।

अंकिता, ना सिर्फ विभागीय कार्यों का पूरी मजबूती के साथ निर्वहन कर रही बल्कि, कुपोषण मुक्त और स्वस्थ समाज निर्माण को लेकर सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने में भी जुटी हैं । वह क्षेत्र भ्रमण के दौरान गर्भवती व धातृ माताओं के अलावा गर्भस्थ शिशु, नवजात शिशु और छोटे-छोटे बच्चों को कुपोषण से मुक्ति के लिए काम कर रही हैं । इस दौरान घर-घर जाकर महिलाओं से मिलकर उन्हें पोषक तत्वों से युक्त आहार लेने की सलाह देती हैं । ताकि गर्भवस्था के दौरान उसे खून में हीमोग्लोबिन की कमी या एनीमिया की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए वो गर्भवती महिला के घर पर या आँगनबाड़ी केंद्र पर पोषक तत्वों से युक्त हरी साग-सब्जी, मौसमी फल, प्रोटीन युक्त दाल, आयरन की गोली सहित अन्य पोषक तत्वों का सेवन करने के लिए प्रेरित कर रही हैं । इसके अलावा गोदभराई उत्सव के दौरान उचित पोषण की जानकारी देती हैं ।

  • स्तनपान को लेकर भी कर रही हैं जागरूक :
    महिला पर्यवेक्षिका अंकिता कुमारी स्तनपान को लेकर भी धातृ माताओं को जागरूक कर रही हैं । इस दौरान वह धातृ माताओं को बच्चे के जन्म के बाद छः माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने एवं इसके बाद ही किसी भी प्रकार का कोई ऊपरी आहार देने की सलाह देती हैं । साथ हीं वह धातृ माताओं को छः माह के बाद भी ऊपरी आहार के साथ कम से कम दो वर्षों तक स्तनपान भी जारी रखने की सलाह देती हैं । इसके अलावा धातृ माताओं को खुद भी कुपोषण के खतरे से दूर रहने के लिए आवश्यक और जरूरी जानकारी देती हैं ।
  • लगातार की जाती है मॉनिटरिंग :
    महिला पर्यवेक्षिका अंकिता कुमारी ने बताया, वो गर्भस्थ शिशु के साथ ही 0 से लेकर 3 वर्ष तक के नवजात शिशु और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण की लगातार मॉनिटरिंग करती हैं । ताकि बच्चा कुपोषण का शिकार होकर बीमार न हो जाय। इसके साथ ही 03 से लेकर 06 वर्ष तक जब बच्चा आँगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने के लिए आता है तो इस दौरान भी उसके स्वास्थ्य और पोषण की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है। इस दौरान कुपोषण से पीड़ित बच्चा मिलने पर उसे समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
  • 41 ऑंगनबाड़ी केंद्रों की संभाल रही हैं जिम्मेदारी :
    आईसीडीएस के जिला समन्वयक अंबुज कुमार ने बताया, महिला पर्यवेक्षिका अंकिता कुमारी के जिम्मे परबत्ता प्रखंड के 06 पंचायतों में संचालित 41 ऑंगनबाड़ी केंद्रों की जिम्मेदारी है। वह अपने कार्यों और जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करने में हमेशा तत्पर रहती हैं । बेहतर कार्य के लिए उन्हें सीडीपीओ के हाथों सम्मानित भी किया जा चुका है। वह सरकार द्वारा चलाई जा रही आईसीडीएस से संबंधित तमाम योजनाओं का लाभ अधिकाधिक लाभार्थियों को दिलाने को लेकर हमेशा तत्पर और संकल्पित रहती हैं।
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