-स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पीसीआई ने स्वास्थ्यकर्मियों का कराया प्रशिक्षण
-बीसीएम, सीएचओ, बीएचई, केटीएस व केयर इंडिया के केबीसी को मिला प्रशिक्षण
भागलपुर, 12 अक्टूबर। कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पीसीआई ने बुधवार को प्रशिक्षण का आयोजन किया। प्रशिक्षण में जिले के सभी बीसीएम, सीएचओ, बीएचई, केटीएस और केयर इंडिया के केबीसी मौजूद थे। ट्रेनिंग देने का काम डीएमओ डॉ. दीनानाथ, केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक और पीसीआई के आरएमसी अंजनी पांडेय ने किया। इस दौरान कालाजार और पीकेडीएल रोगियों की पहचान और उसके उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही इसकी रोकथाम और इसके उपायों पर भी चर्चा की गई। इस दौरान प्रशिक्षण में आए लोगों को संबोधित करते हुए डीएमओ डॉ. दीनानाथ ने बताया कि जिले के सभी प्रखंड में कालाजार नियंत्रण में है। इसे पूरी तरह से खत्म करना है। इसके लिए हमलोगों को लगातार मेहनत करने की जरूरत है। खासकर सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
समाज के विभिन्न समुदायों के लोगों को इस अभियान से हमलोगों को जोड़ना पड़ेगा। साथ ही दूसरे विभाग के लोगों को भी इस अभियान शामिल करें तो बेहतर रहेगा। कालाजार उन्मूलन को लेकर लगातार काम हो रहे हैं। अभी भी सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव चल रहा है। पांच सितंबर को शुरू हुए छिड़काव का काम 60 दिनों तक चलेगा। साल में दो बार आशा कार्यकर्ता के जरिये कालाजार के मरीजों की खोज होती है। साथ ही दो बार छिड़कावकर्मियों द्वारा भी कालाजार के मरीजों की खोज होती है। खोज में अगर कालाजार के मरीज मिलते हैं तो उसका सही तरीके से उपचार सुनिश्चित करें।
नमी और अंधेरे वाले क्षेत्रों में पनपती है बालूमक्खीः भागलपुर कालाजार उन्मूलन के मापदंड पर खरा उतरा है। प्रति 10 हजार की आबादी पर एक केस से कम होने पर जिले को कालाजार उन्मूलन वाला जिला माना जाता है। भागलपुर इस श्रेणी में आता है। इसे बरकरार रखने की जरूरत है। इस काम में आपलोग सहयोग करें। कालाजार उन्मूलन को लेकर जो भी कार्यक्रम चलते हैं, उसे ठीक से संचालित करवाने का काम करें। साथ ही बालूमक्खी जहां पर पनपता है, वैसी जगहों को बनने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक करें। आमतौर पर नमी और अंधेरे वाले क्षेत्रों में बालूमक्खी पनपती है। ऐसी जगहों पर छिड़काव का काम सही तरीके से करवाएं। छिड़काव जिस समय नहीं हो रहा हो, उस समय वैसी जगहों पर केरोसिन डालने के लिए लोगों को जागरूक करें।
फाइलेरिया को लेकर जल्द होगा नाइट ब्लड सर्वेः प्रशिक्षण के दौरान फाइलेरिया के बारे में भी स्वास्थ्यकर्मियों को बताया गया। डॉ. दीनानाथ ने कहा कि जिले में जल्द ही नाइट ब्लड सर्वे होगा। इसके लिए प्रत्येक प्रखंड से दो गांवों का चयन किया गया है। प्रत्येक गांव में तीन सौ लोगों का सर्वे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। इसे प्रयोगशाला भेजा जाता है और रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। फाइलेरिया के परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता है। इससे फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जाता है।