- नवंबर के महीने में जिला भर के सभी प्रखंडों में माइक्रो फाइलेरिया रेट जानने के लिए चलेगा नाइट ब्लड सर्वे
- प्रत्येक प्रखंड के सेंटिनल और रेंडम साइट से 20 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कुल 600 लोगों का लिया जाएगा ब्लड सैंपल
- नाइट ब्लड सर्वे टीम में एक लैब टेक्नीशियन सहित शामिल रहेंगे कुल 4 स्वास्थ्य कर्मी
मुंगेर, 12 अक्टूबर। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जाने वाले एमडीए कार्यक्रम से पूर्व माइक्रो फाइलेरिया की दर जानने के लिए नाइट ब्लड सर्वे के तहत प्रत्येक प्रखंड में बनाए गए हैं एक – एक सेंटिनल और रेंडम साइट । उक्त बातें डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉ अरविंद कुमार सिंह ने आरपीएमयू सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि आगामी नवंबर के महीने में जिला के सभी प्रखंडों में फाइलेरिया रोगियों की पहचान के लिए नाइट ब्लड सर्वे चलेगा। इसके लिए चार सदस्यीय टीम भी बना दी गई है जिसमें अनिवार्य रूप से एक लैब टेक्नीशियन होंगे।
इस अवसर पर वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी संजय कुमार विश्वकर्मा, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार पंकज कुमार प्रणव, डीपीसी विकास कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ ओम प्रकाश नायक सहित जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय के कर्मियों सहित जिला भर से आए लैब टेक्नीशियन, बीएचएम, बीसीएम, डीईओ, वीबीडीएस, एएनएम सहित कई स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि असरगंज में स्वास्थ्य उपकेंद्र बैजलपुर के अंतर्गत अमैया गांव में सेंटिनल साइट और स्वास्थ्य उपकेंद्र चोरगांव के अंतर्गत लौड़िया टोला में रैंडम साइट बनाया गया है। इसी तरह बरियारपुर, धरहरा, हवेली खड़गपुर, जमालपुर, सदर प्रखंड, मुंगेर शहरी क्षेत्र, संग्रामपुर, तारापुर और टेटिया बंबर प्रखंड के विभिन्न गांवों में सेंटिनल और रेंडम साइट बनाए गए हैं। यहां से नाइट ब्लड सर्वे टीम के सदस्य 20 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के एक साइट पर 300 और दूसरे साइट पर भी 300, कुल 600 लोगों के ब्लड का सैंपल लेंगे।
रात 8 : 30 बजे से 12 :30 बजे तक नाइट ब्लड सर्वे का काम होगा –
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि लोगों में माइक्रो फाइलेरिया की दर जानने के लिए रात 8 : 30 बजे से 12 :30 बजे तक नाइट ब्लड सर्वे का काम चलेगा। इस कार्य के पहले दिन का उद्घाटन पंचायत प्रतिनिधि से उत्सव पूर्ण माहौल में कराया जायेगा। प्रत्येक प्रखंड में कार्यरत प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत दो गांवों में फिक्स्ड और रैंडम साइट बनाकर लगातार चार दिनों तक कुल 600 लोगों के ब्लड का सैंपल लिया जाएगा ।