- गर्भनिरोधक साधनों से कुल प्रजनन दर में आएगी कमी, जिले में गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग में 32 प्रतिशत तक की वृद्धि
- मिशन परिवार विकास के तहत विशेष सुविधा उपलब्ध
लखीसराय, 21 अक्टूबर। गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग से अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है। अनचाहे गर्भ से जहां माताओं को बच्चों के बेहतर देखभाल में मुश्किलें आती वहीं इससे माता एवं शिशु के स्वास्थ्य प्रभावित होने के खतरे भी बढ़ जाते हैं। इसलिए अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए गर्भनिरोधक साधनों में सतर्कता बेहद जरूरी है । जिसका परिणाम राज्य के साथ जिले में भी देखने को मिल रहा है।
- जिले में गर्भनिरोधक के उपयोग में बढ़ोतरी :
परिवार नियोजन के बेहतर परिणाम के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं । सरकारी प्रयासों का ही ये परिणाम है कि सामुदायिक जागरूकता में कई चुनौतियों के बीच गर्भनिरोधक के उपयोग के साधन ने मिसाल पेश की है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे – 4 के अनुसार लखीसराय जिले में 15 साल से 49 साल तक की 34.7 प्रतिशत महिलाएं किसी ना किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग करती थी। वहीं, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे – 5 के अनुसार 67.0 प्रतिशत महिलाएं किसी ना किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग कर रही हैं। जबकि, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे – 4 के अनुसार 34.4 प्रतिशत महिलाएं नवीन गर्भनिरोधक साधन का इस्तेमाल करती थीं। वहीं, अब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे – 5 के अनुसार 50.4 प्रतिशत महिलाएं इस साधन का उपयोग कर रही हैं। - बेहतर प्रजनन के लिए गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग जरूरी :
सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया गर्भ निरोधक साधनों का उपयोग जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। इसको लेकर जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर तक परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत विभिन्न अंतर विभागीय गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं । जिसके माध्यम से सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा और इससे होने वाले फायदे की भी जानकारी दी जा रही है। - वर्ष 2025 तक प्रजनन दर 2.1 करने का लक्ष्य :
मिशन विकास परिवार के तहत वर्ष 2025 तक बिहार के प्रजनन दर को 2.2 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रमों को मजबूती प्रदान करने के लिए मिशन विकास परिवार के तहत कुछ विशेष सेवाओं को शामिल किया गया है। गर्भनिरोधक के फायदे : - मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी
- प्रजनन संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाव
- अनचाहे गर्भ से मुक्ति
- एचआईवी-एड्स संक्रमण से बचाव
- किशोरावस्था गर्भधारण में कमी
- जनसंख्या स्थिरीकरण में सहायक