अकोला, महाराष्ट्र
डॉक्टरों ने मृत घोषित किया था और अर्थी पर लिटाकर शमशान में ले रहे मुर्दे में हलचल पैदा होने से उसे अपने कन्धों पर ले जा रहे लोग भयभीत हो गए।
क्योंकि यह वाक्या ही कुछ ऐसा हुआ कि विश्वास करना मुश्किल था लेकिन जब अर्थी को शमशान से पहले ही रास्ते में नीचे रखकर देखा गया तो सबको विश्वास करना ही पडा।
घटना बुधवार को अकोला जिले के पातूर तालुका के विवरा गांव में हुई। प्रशांत मेशरे होमगार्ड हैं और कुछ दिनों से तबीयत खराब होने की वजह से उनके घरवालों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था। फिर उनकी तबीयत ज्यादा ही बिगड़ गई और डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रशांत मेशरे की उम्र सिर्फ 25 साल थी। भरी जवानी में यूं चले जाने की खबर सुनते ही घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ लेकिन फिर यह सोचते हुए कि होनी को कौन टाल सकता है, उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू की गईं।
अर्थी पर लिटाकर जब प्रशांत मेशरे को ले जाया जा रहा था कि अचानक उनके शरीर में हरकतें शुरू हुईं। गांववालों को कुछ समझ नहीं आया तो वे घबराकर पास ही मौजूद गांव के मंदिर तक पहुंचे। मंदिर की सीढियों पर अर्थी को रखा गया फिर देखते ही देखते ये चमत्कार हुआ कि प्रशांत उठकर बैठ गए।
गांव वालों ने ऐसा चमत्कार इससे पहले कभी नहीं देखा था। प्रशांत के अर्थी से उठ बैठने की खबर कुछ ही देर में गांव भर में फैल गई। सारा गांव यह दृश्य देखने के लिए मंदिर के पास उमड़ पड़ा। इतनी भीड़ जमा हो गई कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। बस फिर क्या, गांव भर में चर्चा शुरू हो गई, प्रशांत के शरीर में देवी आई है।