पराली जलाने से प्रदूषण दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में फैला, लगातार बढ़ते AQI से चिंता

पराली जलाने की वजह हर साल दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत की हवा खराब श्रेणी में पहुंच जाती है। जानकारी के मुताबिक, 22 से 27 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने के करीब 5,000 मामले सामने आए। जबकि पराली जलाने के 1,111 मामले केवल 27 अक्टूबर को रिपोर्ट किए गए। पराली का खतरनाक धुंआ हवा के रुख की वजह से दिल्ली और उत्तर भारत की तरफ पहुंच रहा है।

पंजाब के संगरूर, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, मोगा, मुक्तसर, फिरोजपुर, बठिंडा, लुधियाना, बरनाला और खन्ना ये वो जिले है, जहां पर अब तक सिर्फ पराली की 50 प्रतिशत ही कटाई हुई है और जैसे-जैसे फसल की कटाई बढ़ेगी वैसे-वैसे पराली जलने के मामले भी तेजी से बढ़ेंगे। पंजाब के तरनतारन, संगरूर, मुक्तसर, अमृतसर में वो जिले हैं जहां पर पिछले 5 दिनों में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

पराली जलाने से निकल रहे खतरनाक सफेद धुएं की वजह से पंजाब के कुछ शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI भी लगातार बदल रहा है। लेकिन हवा के रुख की वजह से इस सफेद धुएं का ज्यादा असर दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य इलाकों में पड़ने की आशंका है।

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