डेंगू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है स्वास्थ्य विभाग

  • जिला भर में अभी तक मिल चुके हैं 461 डेंगू संक्रमित मरीज
  • सदर अस्पताल सहित जिला भर के विभिन्न अस्पताल में उपलब्ध हैं डेंगू जांच के पर्याप्त किट
  • डेंगू को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं, एहतियाती उपायों पर अमल से बचाव संभव

मुंगेर, 28 अक्टूबर-

जिला में डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिला भर के सभी प्रखंडों में कार्यरत पीएचसी/सीएचसी स्तर पर भी डेंगू की जांच व संक्रमित पाए गए लोगों के बेहतर इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। डेंगू मरीजों के बेहतर इलाज और देखभाल के लिए सदर अस्पताल परिसर में 10 बेड एवं जीएनएम स्कूल में बेड की संख्या बढ़ाकर कुल 74 बेड क्षमता वाला विशेष डेंगू वार्ड संचालित किया जा रहा है। डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी अलर्ट के बाद जिला स्वास्थ्य समिति डेंगू के लक्षणों वाले मरीजों की लगातार निगरानी कर रहा है। डेंगू संक्रमित सभी मरीजों का नियमित रूप से फॉलोअप किया जा रहा है। जिला में डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला स्वास्थ्य समिति लगातार एहतियाती उपायों पर जोर दे रही है। संभावित मरीजों की खोज व समुचित इलाज पर विभाग की निगाहें टिकी हुई हैं । इसको लेकर हर स्तर पर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं । जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार सिंह की देखरेख में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला भर में पर्याप्त संख्या में डेंगू जांच किट उपलब्ध करायी गयी है । इसके साथ ही अभी डेंगू संक्रमित पाए गए सभी मरीजों के घरों सहित आसपास के 50 घरों या 500 मीटर के रेडियस में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के अधिकारी एवं कर्मियों के द्वारा लगातार फोकल फॉगिंग की जा रही है।

डेंगू से बचाव के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक :
सिविल सर्जन डॉ. पी.एम. सहाय ने बताया कि जिलाधिकारी नवीन कुमार के निर्देश पर डेंगू के हॉट स्पॉट के रूप में चिह्नित स्थानों पर फोकल फॉगिंग करवाने के साथ- साथ मुंगेर नगर निगम के सहयोग से प्राथमिकता के आधार पर गली- मुहल्लों में लगातार फॉगिंग का कार्य संचालित किया जा रहा है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा मुंगेर नगर निगम के सभी 45 वार्ड में रोस्टर के अनुसार डेंगू मच्छर के लार्वा को मारने के लिए नालियों में टोमीफॉर्स नामक दवा का लगातार छिड़काव कराया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में फॉगिंग का जिम्मा जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम संभाल रही है वहीं शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग का कार्य स्वास्थ्य विभाग की टीम के अलावा नगर प्रशासन संभाल रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव को लेकर जरूरी एहतियाती उपायों पर अमल जरूरी है। इसको लेकर विभिन्न स्तरों पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

डेंगू मरीजों के लिए सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक से लगातार उपलब्ध करायी जा रही है ब्लड प्लेटलेट्स :
जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम ) नसीम रजी ने बताया कि मुंगेर में लगातार मिल रहे डेंगू संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल मुंगेर स्थित ब्लड बैंक के द्वारा पर्याप्त मात्रा में ब्लड प्लेटलेट्स उपलब्ध करायी जा रही है। इसके साथ ही डेंगू संक्रमित पाए हुए सभी मरीजों के घरों में और उसके आसपास के 50 घरों में स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा लगातार फोकल फॉगिंग करायी जा रही है। इसके साथ ही डेंगू संक्रमित मरीजों के एलिजा टेस्ट के लिए जो सैंपल पहले भागलपुर या पटना भेजा जाता था अब जिलाधिकारी नवीन कुमार के प्रयास से मुंगेर में एलिजा टेस्ट की जा रही है। उसकी रिपोर्ट भी कम से कम समय में प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि जिलावासियों को लगातार बुखार की शिकायत रहने व कमजोरी महसूस होने पर तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पतालों में डेंगू जांच के लिये जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डेंगू मरीजों को अधिक से अधिक पानी, ओआरएस घोल, नींबू पानी, नारियल पानी और अधिक से अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा सभी अनिवार्य रूप से सोने के वक्त मच्छरदानी का उपयोग करने के साथ ही अपने घर में तथा घर के आसपास किसी भी पुराने सामान, गड्ढों में पानी जमा नहीं होने दें एवम फ्रिज, एसी, कूलर, गमला इत्यादि के पानी को एक निश्चित अंतराल के बाद बदल दें ।

उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार का उपचार सामान्य विधि से होता है इसके लिए पारासीटामोल सुरक्षित दवा है। डेंगू के मरीजों में ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या 10,0000 से कम होने पर अथवा रक्तस्राव के लक्षण दिखने पर विशेष परिस्थिति में ब्लड प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है।

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