छट महोत्सव में खरना पूजा आज होगी। खरना पूजा का छठ पर्व में बहुत महत्व है। खरना पूजा के बाद ही 36 घंटे के निर्जला उपवास की शुरुआत होती है। खरना पूजा के दिन छठ व्रती दूध, गंगाजल और अरवा चावल मिलाकर खीर बनाती हैं। कई जगह गुड़ या गन्ने के रस में भी प्रसाद तैयार किया जाता है।
इसके बाद शुद्ध रूप से पिसे हुआ गेहूं के आटे की रोटी बनती है। कई जगहों पर पूरी बनाने का भी प्रचलन है। ये सभी प्रसाद छठ व्रती पूरे दिन उपवास कर शाम में बनाती हैं। इसके बाद सूर्य अस्त होने के बाद जैसे ही अंधेरा होता है उस वक्त भगवान भास्कर और छठी मां की पूजा व्रती करती हैं।
छठ पर्व पर खरना के दिन इतना शुभ योग कई सालों बाद लगा है। खरना के शुभ योग के बारे में पंडित बताते हैं कि पंचांग के अनुसार आज सूर्योदय सुबह 6:25 बजे है, जबकि सूर्यास्त शाम 5:35 बजे होगा। सूर्यास्त के लगभग आधे घंटे बाद अंधेरा होने पर खरना कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस दिन सच्चे मन से अगर कोई कार्य करता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। उन्होंने कहा कि आज 12:05 बजे से मूल नक्षत्र प्रारंभ हो रहा है। मूल नक्षत्र काफी शुभ माना जाता है। जिसके बाद आज का दिन बहुंत मंगलकारी है। शनिवार और रिक्ता तिथि के संयोग में खरना के दिन प्रातः काल से 10:28 बजे दिन तक सिद्धि योग बन रहा है।