आगरा।
11 ब्राह्मणों ने आगरा में विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ 11000 मूर्तियों का यमुना नदी में विसर्जन किया। इस प्रकार ब्राह्मण परिषद के बैनर तले दुकानों और मकानों से निकलीं तकरीबन 11000 श्री लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों का विधिवत रूप से यमुना में विसर्जन किया गया। इस दौरान ग्यारह ब्रह्मणों ने श्लोक एवं मंत्रोच्चारण भी किया।
दीवाली के अवसर पर दुकानों मकानों से निकलने वाले श्री लक्ष्मी गणेश आदि भगवान की मूर्तियां निकलती हैं। जिन्हें लोग विसर्जित न कर मंदिरों व पेड़ पौधों या अन्य स्थानों पर रख आते हैं। जहां इनकी बेकदरी होती । जिससे सनातनियों के हृदय को ठेस पहुंचती है।
ऐसी मूर्तियों को इकट्ठा करने के लिए ब्राह्मण परिषद ने शहर में मंदिरों, पार्को सहित अन्य 101 स्थानों पर मूर्ति रखने के लिए स्थान बनाए। जहां लोगों ने अपने घरों से निकलने वाली विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियां रखी ।
ब्राह्मण परिषद ने इन्हें वाहनों के माध्यम से हाथी घाट पहुंचाया । जहां ग्यारह ब्राह्मणों ने श्लोक और मंत्रोच्चारण के साथ विसर्जित किया। संयोजक सुनील दुबे ने बताया कि हिन्दू धर्म में मूर्ति विसर्जन का अलग ही महत्व है। ब्राह्मण परिषद ने हजारों मूर्तियों को विसर्जित करके लोगों को धर्म और कर्म के प्रति जागरूक करने की कोशिश की है।
इस मौके पर राजेंद्र शर्मा, प्रमोद गुप्ता, राहुल चतुर्वेदी, ब्रह्मदत्त पंडित, राज बहादुर, अनुराग उपाध्याय, उमाधर पाठक, पवन सिकरवार, सुधीर राठौर, सपन दुबे, सुमित मुद्गल, यश ठाकुर, राजीव उपाध्याय, बोबी गोला, भूपेंद्र पाठक, बबलू चौहान, अवधेश शुक्ला, दीपक खंडेलवाल आदि उपस्थित रहे।