एचआईवी से बचाव को लेकर किया गया जागरूक, दी गई आवश्यक और जरूरी जानकारी

  • मायागंज अस्पताल में शिविर आयोजित कर बचाव की दी गई जानकारी
  • छुआछूत नहीं है एड्स बीमारी, इसलिए पीड़ित के साथ नहीं करें भेदभाव

भागलपुर, 18 नवंबर-

एचआईवी (एड्स) की रोकथाम एवं इस पर नियंत्रण हेतु वैश्विक एवं स्थानीय दोनों ही स्तरों पर संसाधनों एवं तकनीकों के प्रबंधन तथा सम्मिलित प्रयास से मुहिम चलाई जा रही है। इसकी रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कई स्वास्थ्य केंद्रों पर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (मायागंज) में लोगों को जागरूक करते हुए एचआईवी एड्स पर लगाम लगाने को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें कई चिकित्सक एवं दर्जनों लोग मौजूद थे। इस मौके पर डॉ प्रभाती केसरी ने कहा, कभी भी ब्लड आप देते हैं या लेते हैं तो पहले एचआईवी टेस्ट जरूर कराएं। साथ ही उन्होंने बताया कि शादी से पहले भी लड़का और लड़की अपने एचआईवी टेस्ट को जरूर कराएं। जिससे आगे किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े। इससे यह भी पता चलेगा कि कहीं सामने वाले को एचआईवी तो नहीं है। इसलिए, 6 महीने में एक बार एचआईवी का टेस्ट जरूर लोगों को कराना चाहिए। वहीं, उन्होंने, जेल में कैदियों को लेकर भी कहा कि जेल में भी कैदियों के बीच एचआईवी के केस काफी देखे जा रहे हैं। इसमें भी प्रशासन को रोक लगाने एवं जागरूक करने की जरूरत है।

  • छुआछूत नहीं हैं एड्स बीमारी, इसलिए पीड़ित के साथ नहीं करें भेदभाव :-
    डॉ प्रभाती त केसरी ने बताया कि एड्स छुआछूत की बीमारी नहीं है। इसलिए, पीड़ित व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का अनावश्यक भेदभाव नहीं करें। यह हाथ मिलाने, साथ उठने-बैठने, कपड़े आदान-प्रदान करने से नहीं होता है। बल्कि, शारीरिक संबंध, खून के आदान-प्रदान समेत अन्य प्रकार के संपर्क होने से होता है।
  • लक्षण दिखते ही शुरू कराएँ इलाज :
    किसी भी व्यक्ति को एड्स का लक्षण दिखे या महसूस हो तो तुरंत उन्हें चिकित्सकों से जाँच कराकर इलाज शुरू करना चाहिए। इसीके अलावा चिकित्सा परामर्श का पालन करना करना जरूरी है। ताकि परिवार के अन्य लोग इन बीमारियों के दायरे से दूर रह सकें और पीड़ित व्यक्ति का भी समय पर इलाज शुरू हो सके ।
  • सेविंग कराने के दौरान साफ-सफाई का रखें ख्याल :
    अगर कोई एड्स पीड़ित व्यक्ति किसी सैलून में अपना सेविंग कराता है और उस दौरान पीड़ित व्यक्ति के चेहरा किसी जगह कट जाएँ और उसी ब्लेड से तुरंत बाद किसी स्वस्थ व्यक्ति का पुनः सेविंग करने से एड्स होने की प्रबल संभावना रहती है। इसलिए, सेविंग के दौरान साफ-सफाई का ख्याल रखें। एक ब्लेड से एक ही व्यक्ति सेविंग बनाएं,। सैलून सेविंग के दौरान बनाने वाले उपकरण की अच्छी तरह साफ-सफाई कराएँ।
  • असुरक्षित यौन संबंध से करें परहेज, एड्स संक्रमण से रहें दूर :-
    एड्स से बचाव के लिए असुरक्षित यौन संबंध से बिलकुल परहेज करें। दरअसल, ऐसी स्थिति में एड्स संक्रमण की चपेट में आने की प्रबल संभावना रहती है। इसलिए ऐसे संबंध से परहेज कर एड्स संक्रमण से दूर रहें।
  • ये हैं लक्षण :-
    एड्स के शुरुआती लक्षण हैं , मरीज का शारीरिक वजन कम होना, लंबे समय तक बुखार रहना, काफी दिनों तक डायरिया होना, शरीर में गिल्टी होना। इस तरह की परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सकों से जाँच कराएँ।
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