राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक अहम बयान दिया है। भागवत ने शनिवार को कहा कि पीएम मोदी संघ के स्वयंसेवक रहे हैं लेकिन स्वतंत्र रूप से काम करने वाले किसी व्यक्ति या संगठन पर संघ का नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ प्रत्यक्ष नियंत्रण या रिमोट कंट्रोल का उपयोग नहीं करता है। सरसंघचालक ने जबलपुर में लोगों से बात करते हुए यह बात कही।
मोहन भागवत ने कहा, जब कोई आरएसएस की बात करता है तो लोग विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के बारे में भी सोचते हैं और इसके संगठन में भी स्वयंसेवक हैं और इसका विचार भी वही है। उन्होंने कहा कि लोग संघ कहकर मोदीजी का नाम लेते हैं। मोदीजी हमारे स्वयंसेवक हैं। संघ कहने के बाद आप विश्व हिंदू परिषद देखते हैं। विश्व हिंदू परिषद में स्वयंसेवक हैं और उनके विचार और संस्कार स्वयंसेवकों के समान हैं लेकिन वे सभी स्वतंत्र और अलग स्वयंसेवक हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संघ का एक अलग और स्वतंत्र कार्य है। स्वयंसेवक हर जगह हैं इसलिए एक ऐसा संबंध है जो अच्छे कारणों में मदद करता है। हालांकि, संघ का उन पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं है। भागवत ने कहा, हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। यह एक परंपरा है जिसे विभिन्न संप्रदायों, जातियों और क्षेत्रों द्वारा पोषित किया जाता है।
भागवत चार दिवसीय दौरे पर गुरुवार को छत्तीसगढ़ का दौरा कर वहां आरएसएस कार्यकर्ताओं से बातचीत कर जबलपुर पहुंचे। उन्होंने शुक्रवार को महाकौशल क्षेत्र के पदाधिकारियों से चर्चा की। यह जानकारी संस्था के एक अधिकारी ने दी। उन्होंने कहा कि संघ वर्ष 2025 में अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा। इससे पहले देश के हर घर में पहुंचकर संघ का आधार दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।