दो सप्ताह से अधिक खांसी हो तो कराएं टीबी की जांच

आज जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर मनाया जाएगा निक्षय दिवस

जेपी सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई संवेदीकरण कार्यशाला
आगरा
गुरुवार से हर माह की 15 तारीख निक्षय दिवस मनाया जाएगा। इसके लिए बुधवार को जिला क्षय रोग विभाग द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस स्थित जेपी सभागार में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) व ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) के लिए संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें उन्हें निक्षय दिवस पर की जाने वाली गतिविधियों के बारे में समस्त जानकारी दी गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि निक्षय दिवस का आयोजन सभी चिकित्सा इकाइयों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर किया जाएगा।

निक्षय दिवस पर क्षय रोगियों की जल्दी पहचान, गुणवत्तापूर्ण उपचार और क्षय रोगियों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता के प्रयास किए जाएंगे। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करेंगी। टीबी से मिलते-जुलते लक्षण वालों को नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लेकर स्पुटम (बलगम का नमूना) कलेक्ट कराएंगी। वहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) स्पुटम को जांच के लिए नजदीकी टीबी केंद्र पर भेजेंगे और रिपोर्ट के बारे में संबंधित को जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इस पूरी प्रक्रिया के लिए आशा और सामुदा‌यिक स्वास्थ्य अधिकारियों को आज संवेदीकरण किया गया।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशुरानी ने ने बताया कि विश्वविद्यालय का सामुदायिक रेडियो स्टेशन 90.4 “आगरा की आवाज़” टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में स्मार्ट संस्था के साथ मिलकर सामुदायिक रेडियो लोकगीतों, रेडियो कार्यक्रम और टीबी चैंपियंस/ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स को सम्मानित जैसे विभिन्न कार्यक्रम करके टीबी की रोकथाम के प्रति लोगों को जागरूक करेगा.
राज्य क्षय रोग व प्रदर्शनी केंद्र (एसटीडीसी) के निदेशक डॉ. संजीव लवानियां ने बताया कि निक्षय दिवस पर ओपीडी में आने वाले रोगियों की भी टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी और मिलते-जुलते लक्षण वाले कम से कम 10 प्रतिशत रोगियों की टीबी जांच कराई जाएगी।
एसटीडीसी के परामर्शदाता डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि क्षय रोगियों को लगातार दवा खानी होती है। इसले यह ध्यान रखा जाए कि वह बीच में दवा न छोड़ें। यह बहुत ही खतरनाक स्थिति हो जाती है। चिकित्सक की सलाह से नियमित और पूरा उपचार करें। 15 दिन से ज्यादा खांसी रहने पर जांच अवश्य कराएं।
जिला मुख्य विकास अधिकारी आगरा ने बताया कि जनपद को हर हाल में हमको टॉप 5 में लाना है इसके लिए हम सबको मिलकर बेहतरीन तरीके से कार्य करना होगा।

जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस दौरान जिला क्षय रोग केंद्र से शशिकांत पोरवाल, पंकज सिंह, अरविंद कुमार यादव, अखिलेश शिरोमणी, संदीप भगत, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च से राना बी. आदि का सहयोग रहा।
इन बिन्दुओं पर होगा खास ध्यान :
• निक्षय दिवस पर स्वास्थ्य इकाई पर आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची के अनुसार उनकी जांच करायी जाएगी, एचआईवी-डायबिटीज की भी जाँच होगी
• स्वास्थ्य इकाइयों पर सम्भावित मरीजों के बैठने की खुली जगह हो और इकाई के बाहर खुले स्थान पर बलगम के नमूने लेने के लिए कफ कार्नर बनाये जाएँ
• क्षय रोगियों के लिए हर जरूरी दवाएं मुफ्त उपलब्ध हों
• स्वास्थ्य इकाई पर टीबी की जाँच, उपचार के बारे में परामर्श की व्यवस्था की जाए
• संभावित क्षय रोगियों की पहचान के लिए प्रमुख लक्षण :
• दो सप्ताह या अधिक समय से खांसी होना
• दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार आना
• वजन में कमी आना/ भूख न लगना
• बलगम से खून आना

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