-मासिक सामुदायिक बैठक आयोजित , मरीज और आमलोग हुए शामिल
- जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत नौरंगा आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 42 पर बैठक का आयोजन
खगड़िया, 22 दिसंबर-
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर धीरे-धीरे आम लोग भी आगे आने लगे हैं, जो सामुदायिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव का बड़ा प्रमाण है। यही नहीं, फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग भी गंभीर है। इसे सार्थक रूप देने के लिए लगातार विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर सामुदायिक स्तर पर लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा जो फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने की बेहद अच्छी और सराहनीय पहल है।
इसी कड़ी में जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत नौरंगा गाँव में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 42 पर एक मासिक सामुदायिक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें उक्त केंद्र की सेविका, सहायिका, स्थानीय आशा कार्यकर्ता, संक्रमित मरीज समेत बड़ी संख्या में आम लोग शामिल हुए। बैठक के दौरान मौजूद लोगों को फाइलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार समेत अन्य जरूरी जानकारी दी गई। इस मौके पर वार्ड पार्षद रिंकु देवी, एक संक्रमित मरीज , नूतन देवी, सेविका गीता देवी, आशा मंजू देवी आदि मौजूद थे।
- फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन जरूरी :
वार्ड पार्षद रिंकु देवी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, फाइलेरिया एक गंभीर और घातक बीमारी है। इसलिए, इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई का सेवन जरूरी है। क्योंकि, दवाई का सेवन करने से फाइलेरिया होने की संभावना नहीं रहती है। इसलिए, मैं सभी लोगों से अपील करती हूँ कि जिले में शुरू होने वाले एमडीए अभियान के दौरान निश्चित रूप से दवाई का सेवन करें और फाइलेरिया के खतरे से दूर रहें। वहीं, उन्होंने कहा, एमडीए अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव सहयोग किया जाएगा। - फाइलेरिया से संक्रमित व्यक्ति ने अपने अनुभव को किया साझा :
सेविका गीता देवी ने बताया, सामुदायिक बैठक के दौरान मौजूद फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति ने मौजूद आम लोगों से बीमारी होने के पश्चात होने वाली परेशानी की जानकारी देते हुए अपने अनुभव को साझा किया। इस दौरान उन्होंने मौजूद लोगों को संक्रमण होने पर क्या-क्या परेशानी होती है, फाइलेरिया से निजात और बचाव के लिए क्या करना चाहिए, इस बीमारी की प्रभाव से कैसे दूर रहा जा सकता है समेत अन्य आवश्यक जानकारी दी। साथ ही दवाई का सेवन करने से होने वाले फायदे को भी बताते हुए फाइलेरिया मुक्त जिला बनाने के लिए निश्चित रूप से दवाई का सेवन करने के लिए जागरूक और प्रेरित किया। - फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी :
फाइलेरिया संक्रमित एक मरीज ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। इसी उद्देश्य से मैं लोगों को लगातार जागरूक कर रही हूँ। जिसके दौरान लोगों को बताती हूँ कि बीमारी छुपाने से नहीं, बल्कि दिखाने से खत्म होता है। इसलिए, अगर कोई भी बीमारी से स्थाई निजात चाहते हैं तो वह खुलकर आगे आएं और चिकित्सकों से जाँच कराएं। जाँच पश्चात चिकित्सा परामर्श का पालन करें। वहीं, उन्होंने बताया, बैठक के दौरान भी लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूक किया गया और इस बीमारी के प्रभाव से दूर रहने के जिले में शुरू होने वाले एमडीए अभियान के दौरान दवाई का सेवन करने के लिए प्रेरित किया गया। वहीं, उन्होंने कहा, मैं प्रत्येक लोगों से अपील करती हूँ कि, जो भी संक्रमित व्यक्ति हैं या फिर लक्षण है, वह अंधविश्वास, पुराने ख्यालातों तथा अवधारणाओं से बाहर आकर अपनी जाँच और इलाज कराएं तथा पुरानी सामाजिक कुरीतियों को मात दें।