पौष मास की अमावस्या पितरों की मुक्ति एवं मनोकामना पूरी करने वाली

पौष मास की अमावस्या पितरों की मुक्ति एवं मनोकामना पूरी करने वाली मानी जाती है। पौष मास में पड़ने वाली6 साल की आखिरी अमावस्या आज 23 दिसंबर 2022 को दोपहर 03:46 बजे तक रहेगी. पौष मास जिसे मिनी पितृपक्ष कहा जाता है, उसमें पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि का बहुत ज्यादा महत्व है।

यदि आप पौष मास की अमावस्या का पुण्यफल पाना चाहते हैं तो आज यदि गंगा नदी में जरूर स्नान करें. यदि यह संभव न हो पाए तो अपने घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर नहाएं और यदि गंगा जल भी न उपलब्ध हो तो गंगा नदी का ध्यान करते हुए स्नान करें और उसके बाद सूर्य नारायण को अर्घ्य देने के बाद पितरों की विधि-विधान से पूजा श्राद्ध एवं तर्पण आदि करें।

पौष मास की अमावस्या की कुछ प्रचलित मान्यताएं इस प्रकार हैं-

यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है तो आज पौष अमावस्या पर पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया शाम के समय जरूर जलाएं।

आज साल की आखिरी अमावस्या पर किसी नदी या जल स्थान पर मछलियों को आटे की गोली या दाना डालना अत्यंत ही पुण्दायी माना जाता है।

पौष अमावस्या पर किसी नदी में चांदी से बने नाग-नागिन की पूजा करने के बाद प्रवाहित करने से व्यक्ति का कालसर्प दोष दूर होता है।

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