पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें और दवाओं का लगातार सेवन करें
आगरा, 26 दिसंबर 2022
सर्दी का मौसम आ गया है और ठंड के मौसम में प्रदूषक तत्व वातावरण की निचली सतह पर आ जाते हैं। ऐसे में टीबी रोगियों को अतिरिक्त सावधान रहने की जरूरत है। यह कहना है एसएन मेडिकल कॉलेज के क्षय रोग व वक्ष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार का।
उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में टीबी व सांस के रोगियों को वायरल इंफेक्शन व बुखार की समस्या हो सकती है। इस कारण डॉक्टर से अपना परीक्षण करा लें। जिन टीबी रोगियों को सांस की भी समस्या है और डॉक्टर ने इन्हेलर लेने की सलाह दी है तो डॉक्टर से इन्हेलर की डोज को एडजस्ट करा लें। इसके साथ ही सुबह-शाम टहलने न जाएं। क्योंकि सर्दी के दिनों में वातावरण में मौजूद प्रदूषक तत्व निचली सतह पर आ जाते हैं। इससे टीबी व सांस रोगियों को समस्या हो सकती है। धूप निकलने पर ही ऐसे रोगी टहलने जाएं।
डॉ. संतोष ने कहा कि टीबी रोगी इस बात का ध्यान रखें कि वह अपनी दवाएं समय से खाएं, इन्हें बीच में न छोड़ें व एक भी दिन की नागा न करें। यदि वह ऐसा करते हैं तो उनके लिए मुश्किल हो सकती है। सर्दी से बचने के लिए पूरे कपड़े पहनें, इस बात का ध्यान रखें कि मास्क जरूर लगाएं। खांसते या छींकते वक्त मुंह पर कपड़ा जरूर रखें।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल यादव ने बताया कि टीबी माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया से होने वाला रोग है। इसका संक्रमण फेफड़े, लिम्फ नोड, स्पाइन, किडनी, लिवर, मस्तिष्क, हड्डियों आदि अंगों को संक्रमित कर सकता है। इससे ग्रसित रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है और जरा सी असावधानी में यह मौसमी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
ठंड के दिनों में जुकाम, बुखार, खांसी व फ्लू का संक्रमण स्वस्थ व्यक्ति को भी अपनी चपेट में ले लेता है। ऐसे में टीबी रोगियों को चाहिए कि वह खानपान में सावधानी के साथ अपनी दवाएं समय पर लेते रहें और ठंड से बचने के सारे उपाय अपनाएं। ठंड का मौसम फेफड़ों की टीबी के रोगियों के लिए ज्यादा घातक होता है।
जिला पीपीएम समन्वयक अरविंद यादव ने बताया कि टीबी रोगी इसका ध्यान रखें कि सेहत अच्छी रहे, इसके लिए भोजन में दालों, फलियों, मौसमी फलों व हरी सब्जियों को शामिल करें। प्रोटीन वाली चीजें जरूर खाएं। क्षमता के अनुसार योग, हल्के व्यायाम व प्राणायम करें।
इन बातों का रखें ध्यान
• टीबी की दवाएं समय से खाएं।
• उपचार को बीच में न छोड़े।
• मास्क जरूर लगाएं।
• पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें।
• खांसने व छींकने पर मुंह पर कपड़ा रखें।
• भीड़-भाड़ में जाने से बचें।
• धूल, धुआं और प्रदूषण वाली जगहों में न जाएं।