मायागंज अस्पताल में थैलेसीमिया डे केयर सेंटर का आगाज

-पटना से उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री ने सेंटर का किया उद्घाटन
-केयर इंडिया की सहायता से थैलेसीमिया डे केयर सेंटर का होगा संचालन

भागलपुर, 4 जनवरी

मायागंज अस्पताल में बुधवार को थैलेसीमिया डे केयर सेंटर का शुभारंभ हो गया। एमसीएच बिल्डिंग के बेसमेंट में बने डे केयर सेंटर का उद्घाटन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने पटना से ऑनलाइन किया। इस मौके पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमाशंकर सिंह, शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. केके सिन्हा, डॉ. अंकुर प्रियदर्शी, अस्पताल मैनेजर सुनील गुप्ता, केयर इंडिया के डीटीएल डॉ. निनकुश अग्रवाल, डॉ. राजेश मिश्रा, डॉ. सुपर्णा टाट, डॉ. असद जावेद, मानस नायक और ज्ञानोदय प्रकाश समेत कई लोग मौजूद थे।
उद्घाटन के बाद अस्पताल अधीक्षक ने थैलेसीमिया डे केयर सेंटर को घूम-घूमकर कर देखा। वहां की व्यवस्था का जायजा लिया। उन्हें सभी कुछ व्यवस्थित नजर आई। डॉ. असीम कुमार दास ने कहा कि मायागंज अस्पताल में थैलेसीमिया डे केयर सेंटर के संचालन से एक बड़े क्षेत्र की आबादी को राहत मिलेगी। अब थैलेसीमिया के मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी। एमसीएच बिल्डिंग के बेसमेंट में इसका संचालन किया जा रहा है। वहां पर सभी तरह की व्यवस्था है। थैलेसीमिया के मरीजों को यहां पर कोई परेशानी नहीं होगी। मालूम हो कि मायागंज अस्पातल में बिहार और झारखंड के 15 जिलों के मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। पूर्वी बिहार के बड़े अस्पतालों में इसका शुमार है।
छह बेड की है व्यवस्थाः मायागंज अस्पताल स्थित डे केयर सेंटर में छह बेड की व्यवस्था की गई है। यानी कि एक साथ छह मरीजों को यहां पर ब्लड चढ़ाया जा सकता है। सेंटर प्रतिदिन सुबह नौ से शाम पांच बजे तक चलेगा। सेंटर के अध्यक्ष डॉ. केके सिन्हा हैं, जबकि नोडल डॉ. अंकुर प्रियदर्शी बनाए गए हैं। इसके साथ-साथ सेंटर के संचालन की व्यवस्था केयर इंडिया की ओर से की गई है। नर्स से लेकर डाटा ऑपरेटर तक की व्यवस्था केयर इंडिया की तरफ से की गई है। दो नर्स, एक लैब टेक्नीशियन, एक डाटा ऑपरेटर और एक हाउस कीपिंग स्टाफ केयर इंडिया की ओऱ से प्रोवाइड कराया गया है। थैलेसीमिया डे केयर सेंटर में इलाज के लिए आने वाले बच्चों के लिए मनोरंजन की भी व्यवस्था की गई है। इसके तहत एक प्ले जोन भी बनाया गया है। जहां पर कि इलाज से पहले का समय बच्चे व्यतीत कर सकते हैं।

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