मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ लाभुकों को दिलाने में 91% सफलता के साथ मुंगेर जिला राज्य में दूसरे स्थान पर

  • 95% सफलता के साथ बांका पहले तो वहीं 82 प्रतिशत सफलता के साथ खगड़िया है तीसरे स्थान पर
  • इस योजना के तहत जिला भर में 0 से दो साल तक के 4354 बच्चों को मिला है योजना का लाभ
  • योजना के तहत 0-2 साल तक के कन्या शिशुओं को 3000 रूपये देने का है प्रावधान
  • घर बैठे ई-कल्याण पोर्टल के जरिए लाभार्थी कर सकते हैं आवेदन

मुंगेर, 04 जनवरी 2023 : मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का क्रियान्वयन अब समाज कल्याण विभाग के अधीन आईसीडीएस के द्वारा किया जा रहा है। इस योजना के तहत 0 से 2 साल तक के प्रथम क्रम के दो कन्या संतानों को 3000 रूपये तक की प्रोत्साहान राशि प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 यानी अप्रैल 2022 से 3 जनवरी 2023 तक राज्य में भर 2 लाख 18 हजार 922 लाभुकों को योजना के तहत प्रोत्साहन राशि मिली है। इस दौरान कुल 42 करोड़ 36 लाख 74 हजार रुपए लाभुकों के खाते में दिए गए हैं । वहीं मुंगेर जिला में इस अवधि के दौरान कुल 4354 लाभुकों को इस योजना का लाभ मिला है। इन सभी लाभुकों को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ दिलाने में 91% सफलता के साथ मुंगेर जिला पूरे बिहार में दूसरे स्थान पर आया है वहीं 95% सफलता के साथ बांका जिला पूरे बिहार में पहले और 82% सफलता के साथ खगड़िया जिला पूरे बिहार में तीसरे स्थान पर आया है।

कन्या शिशु के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है उद्देश्य :
आईसीडीएस के निदेशक डॉ. कौशल किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का उद्देश्य कन्या के जन्म को प्रोत्साहित करना एवं कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है। इस योजना की सहायता से लिंग अनुपात में वृद्धि लाना एवं बालिका शिशु मृत्यु दर को कम करना भी लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह पर अंकुश लगाने एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में भी यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। योजना का बृहद उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज के मुख्यधारा में लाना है, ताकि महिला सशक्तिकरण की राह को और आसान बनाया जा सके।

प्रथम दो कन्या शिशुओं को योजना का लाभ :
कन्या उत्थान योजना के स्टेट नोडल पदाधिकारी अनीता चौधरी ने बताया कि इस योजना का लाभ परिवार की केवल दो प्रथम क्रम की कन्या संतानों को ही दिया जाता है। इसके लिए लाभुक को बिहार का निवासी होना जरुरी है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत दो किश्तों में 3000 रूपये लाभुक को देने का प्रावधान है। पहले किश्त के रूप में 2000 रूपये माता-पिता या अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाते हैं जब कन्या का पंजीकरण 0 से 1 साल तक किया जाता है वहीं, दूसरा किश्त के रूप में 1000 रूपये तब दिए जाते हैं जब 1 से 2 वर्ष की कन्या शिशु का आधार पंजीकरण एवं जन्म निबंधन का कार्य पूरा हो जाता है।

समेकित बाल विकास सेवाएं ( आईसीडीएस) कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ( डीपीओ) वन्दना पांडेय ने बताया कि मुंगेर जिला के कुल 10 परियोजना में कुल स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों कि संख्या 1598 है। यहां 3 आवेदन प्रति आगनबाड़ी के अनुसार कुल 4794 लाभुकों को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस लक्ष्य के विरुद्ध जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुल 4354 कन्या लाभार्थी को पंजीकृत किया गया । इसमें से 0 से 01 वर्ष कि कुल 4221कन्या लाभार्थी और 01 से 02 वर्ष आयु वर्ग कि कुल 133 कन्या लाभार्थी को पंजीकृत कर योजना का लाभ दिलाया गया जो निर्धारित लक्ष्य का 91% है।

घर बैठे ई-कल्याण पोर्टल के जरिए लाभार्थी कर सकते हैं आवेदन :
योग्य लाभुक के माता-पिता अब ई- कल्याण पोर्टल (ekalyan.bih.nic.in) कि सहायता से घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। महिला पर्यवेक्षिका द्वारा ऑनलाइन आवेदनों का भौतिक सत्यापन कर ई- कल्याण पोर्टल पर अप्रूवल किया जाएगा। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी इस हेतु स्वीकृति पदाधिकारी होंगे। महिला पर्यवेक्षिका द्वारा स्वीकृत आवेदनों को बाल परियोजना द्वारा ई-कल्याण पोर्टल पर अनुमोदन किया जाएगा।

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