• सरकारी संस्थान में ही है टीबी का समुचित ईलाज
• लक्षण को अनदेखा कर ना समझें कमोजोरी
• टीबी नही है लाईलाज बीमारी ,समय पर उपचार है जरुरी
लखीसराय-
सही ईलाज जहाँ रोग से निज़ात दिला सकता है. वहीं, सही ईलाज के आभाव में बीमारी की जटिलता भी बढ़ सकती है. कुछ ऐसा ही हुआ जिले के पत्नेर निवासी गंगा कुमारी (काल्पनिक नाम ) के साथ. शारीरिक कमजोरी होने पर वह अपने गाँव के स्थानीय चिकित्सक से ईलाज कराने पहुंची. खून की कमी बताकर कर स्थानीय चिकित्सक ने ईलाज शुरू किया. ईलाज का कोई फ़ायदा गंगा को नहीं हुआ. धीरे-धीरे उसकी हालत और खराब होती चली गयी. लेकिन गाँव की आशा के सहयोग से सरकारी अस्पताल में गंगा ने अपना ईलाज शुरू करवाया. जाँच में टीबी की पुष्टि हुयी और आज वह नियमित दवा सेवन कर टीबी को मात दे चुकी है.
आशा के सहयोग से पहुंची सरकारी अस्पताल.
गंगा कुमारी के गाँव की आशा पप्पी कुमारी नियमित गृह भ्रमण करने जब उसके घर गयी तो उसकी नजर गंगा कुमारी पर पड़ी. गंगा की हालत देखकर उन्हें समझने में देर नहीं लगी कि गंगा किसी गंभीर बीमारी के चपेटे में आ गयी है. आशा ने गंगा से उसके रोग के विषय में पूरी जानकारी ली. आशा को आभास हो गया था कि गंगा टीबी से ग्रसित हो सकती है. आशा गंगा को उनके माता-पिता के साथ लेकर सदर अस्पताल गयी, जहाँ जाँच के बाद टीबी की पुष्टि की गयी. गंगा ने चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार 6 महीने तक दवा खायी. आज वह टीबी से उबर चुकी है.
स्थानीय चिकित्सकों के चक्कर में न पड़ें:
गंगा कुमारी अपने अनुभव को साझा करते हुए बताती है कि आप जब किसी तरह के शारीरिक परेशानी का सामना करते हैं तो आप सबसे पहले अपने ईलाज के लिए गाँव वाले डॉक्टर साहब के पास चले जातें है. स्थानीय डॉक्टर आपका ईलाज तो करता है पर वह पूरी तरह से आपके परेशानी का हल नहीं ढूंढ पता है. इससे आप ठीक होने की जगह परेशानियों से घिरते चले जाते हैं. यही मेरे साथ हुआ . वह कहती हैं- ‘‘जब मैं आपना ईलाज गाँव के डॉक्टर से करवा रही थी तो वह मेरी पेरशानी को समझ नहीं पाया और मैं दिनों -दिन कमजोर होती चली गयी .पर जब मैं सरकारी संस्थान में अपना ईलाज कराने लगी तो मेरे सही रोग की पुष्टि हुयी. सरकारी अस्पताल में ईलाज कराने का नतीजा है कि आज मैं पूरी तरह से ठीक हूँ .मैं अपने समाज के लोगों से यही कहना चाहूंगी की टीबी कोई लाईलाज बीमारी नहीं है. सही समय पर पहचान और समुचित ईलाज से टीबी पूरी तरह ठीक हो सकता है. दूसरी बात सरकारी अस्पताल में टीबी का ईलाज पूरी तरह से निःशुल्क है’’.
ये लक्षण दिखें तो करायें टीबी जांच :
• तीन माह या इससे अधिक समय से खांसी रहना, छाती में दर्द एवं कफ में खून आना
• कमजोरी व थका हुआ महसूस करना।
• वजन का तेजी से कम होना,
• भूख नहीं लगना, ठंड लगना, बुखार का रहना
• रात को पसीना आना