दिल्ली,
दिल्लीसे 100 किलोमीटर के दायरे में चारों ओर रैपिड रेल का जाल फैल जाएगा। पहला रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) दिल्ली से मेरठ तक विकसित किया जा रहा है। इसके पहले हिस्से दिल्ली सीमा से लेकर गाजियाबाद में दुहाई तक परिचालन शुरू होगा। यह 17 किलोमीटर का खंड है। जिस पर बहुत जल्दी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाएंगे।
यह दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर का 20% हिस्सा होगा। साल 2025 तक यह प्रोजेक्ट पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा। तब रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के पल्लवपुरम तक दौड़ने लगेगी। इसके बाद राजधान दिल्ली और पश्चिमी यूपी के सबसे महत्वपूर्ण शहर मेरठ के बीच 82 किलोमीटर की यात्रा महज एक घंटे में पूरी होगी। इसके बाद दिल्ली या नोएडा में काम करने वाले लोगों का मेरठ में रहना संभव हो जाएगा।
दिल्ली से 100 किलोमीटर के दायरे में चारों ओर एक मुकम्मल महानगर शक्ल ले रहा है। यह महानगर ना केवल भारत बल्कि एशिया और दुनिया का सबसे बड़ा महानगर बन सकता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं मानकर चल रही हैं कि वर्ष 2050 तक दिल्ली-एनसीआर के रूप में मेट्रोपोलिस बनने वाले इस शहर की आबादी 25 करोड़ तक हो सकती है।
ऐसे में रैपिड रेल काम आएगी और यह 100 किलोमीटर के दायरे को पंहुच में आसान बना देगी। तब मेरठ, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, बागपत, हापुड़, मथुरा, आगरा, अलवर, पानीपत, कुरुक्षेत्र, रोहतक, हिसार और झुंझुनू जैसे शहरों के लोग दिल्ली-एनसीआर में सुबह शाम आवागमन करेंगे