1242 गांवों की जमीन मिलाकर बनेगा यमुना सिटी हाईटेक शहर बनाने की योजना पर काम चालू हो गया है। गौतमबुद्ध नगर से आगरा तक यमुना अथॉरिटी के दायरे में 1,187 गांव थे। अब इन गांवों की संख्या बढ़कर 1,242 हो गई है। इन सारे गांवों की जमीन पर यमुना अथॉरिटी विकास योजनाएं लेकर आएगी। खास बात यह है कि यमुना अथॉरिटी जिस औद्योगिक शहर का विकास कर रही है, वह देश की राजधानी दिल्ली के मुकाबले दो गुना से भी ज्यादा बड़ा होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुलंदशहर जिले की खुर्जा और सिकंदराबाद तहसीलों के 55 गांवों को बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण से निकालकर यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी में शामिल कर दिया है। गुरुवार को यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि अभी तक गौतमबुद्ध नगर से आगरा तक यमुना अथॉरिटी के दायरे में 1,187 गांव थे। अब इन गांवों की संख्या बढ़कर 1,242 हो गई है।
वेस्ट यूपी के 6 जिलों गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा और हाथरस के 1,187 गांव शामिल थे। अब बुलंदशहर जिले की खुर्जा और सिकंदराबाद तहसीलों के 55 गांवों को यमुना अथॉरिटी के दायरे में शामिल कर दिया गया है। प्राधिकरण के दायरे का क्षेत्रफल भी करीब 10% बढ़ गया है। अब यमुना प्राधिकरण का क्षेत्रफल बढ़कर करीब 3,000 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इस तरह यमुना सिटी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा बड़ी होगी।
यहां जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। यह हवाईअड्डा ना केवल देश बल्कि एशिया का सबसे बड़ा होगा। इसी हवाईअड्डे की बदौलत यमुना सिटी देश का पहला एयरोट्रोपोलिस बनेगा।