विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र भारत की देन – श्री गुरुजी भू

विश्व मित्र परिवार के संस्थापक श्री गुरुजी भू ने आज तरंग न्यूज को दिये एक साक्षात्कार में बताया कि विश्व के सबसे बड़े और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये भारतीय काल गणना का स्वरूप हमारे ऋषियों, मुनियों ने बड़े ही शोध अनुसंधान के उपरान्त तैयार किया था। 

अब तो आज का अत्याधुनिक विज्ञान भी मानने लगा है। आओ जाने क्या है काल गणना ?

01. क्रति = सैकन्ड का 34000 वाँ भाग
02. 1 त्रुति = सैकन्ड का 300 वाँ भाग
03. 2 त्रुति = 1 लव
04. 1 लव = 1 क्षण
05. 30 क्षण = 1 विपल
06. 60 विपल = 1 पल
07. 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट )
08. 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
09. 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार)
10. 7 दिवस = 1 सप्ताह
11. 4 सप्ताह = 1 माह
12. 2 माह = 1 ऋतू
13. 6 ऋतू = 1 वर्ष
14. 100 वर्ष = 1 शताब्दी
15. 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी
16. 432 सहस्राब्दी = 1 युग
17. 2 युग = 1 द्वापर युग
18. 3 युग = 1 त्रैता युग
19. 4 युग = सतयुग
20. सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
21. 76 महायुग = मनवन्तर
22. 1000 महायुग = 1 कल्प
23. 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
24. 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प (देवों का अन्त और जन्म )
25. महाकाल = 730 कल्प (ब्राह्मा का अन्त और जन्म )

आज के वैज्ञानिकों ने जो पृथ्वी के जीवन और पृथ्वी पर जीवन की काल गणना की है वो लगभग यही है।

सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना। ये हमारे भारत की प्राचीन धरोहर है जिस पर हमको गर्व है l

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