इंडोनेशिया के 9737 फीट ऊँचे मेरापी ज्वालामुखी विस्फोट , राख का ढेर हो गए 8 गांव, सात किलोमीटर तक धुएं और राख के गुब्बार

इंडोनेशिया का माउंट मेरापी ज्वालामुखी एक बार फिर भड़क उठा है. इससे आसपास के गांवों पर फिर से राखी की चादर बिछ गई। भयानक विस्फोट के बाद धुएं और राख का गुबार सात किलोमीटर ऊंचा उठ गया। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। लेकिन आसपास के गांवों के लोगों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

इंडोनेशिया की सांस्कृतिक राजधानी सग्याकार्ता के पास जावा द्वीप पर स्थित इस ज्वालामुखी की ऊंचाई 9737 फीट है। विस्फोट के बाद इसकी राख शिखर से 9600 फीट ऊपर उठ गई। स्थानीय अधिकारियों ने आसपास के सात किलोमीटर के इलाके को खाली करा लिया है। देश की आपदा न्यूनीकरण एजेंसी के एक प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा कि फिलहाल ज्वालामुखी से हुए नुकसान का अनुमान लगाना मुश्किल है। लोगों को इलाके से दूर जाने को कहा गया है।

अब्दुल मुहरी ने कहा कि राख के कारण आसपास के लोगों को परेशानी हो रही है। इसके साथ ही गर्म ज्वालामुखीय मिट्टी के अचानक बाढ़ आने की भी संभावना है। यह स्थिति बारिश के कारण होती है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद अक्सर बारिश होती है। इस ज्वालामुखी के काफी करीब आठ गांव बसे हुए हैं। जहां राख की बारिश हुई है। यह ज्वालामुखी दो साल पहले जनवरी के महीने में लगातार गर्जना कर रहा था। फिर यह 28 दिनों तक लावा उगलता रहा।

2010 में इस ज्वालामुखी के फटने से 347 लोगों की मौत हुई थी। माउंट मेरापी ज्वालामुखी 1548 से समय-समय पर फूटता रहा है। ज्वालामुखी 2006 से अधिक सक्रिय हो गया है। अप्रैल 2006 के विस्फोट के कारण आसपास के क्षेत्र में 156 झटके महसूस किए गए। माउंट मेरापी मई 2018 में फिर से फट गया।

स्थानीय लोगों की किंवदंतियाँ हैं कि केवल मनुष्य ही पृथ्वी पर नहीं रहते हैं। आत्मायें भी वहाँ रहती हैं। जावानीस क्रेटन की आत्मा मेरापी पर्वत के भीतर निवास करती है। इन आत्माओं के शासक एम्पु राम और एम्पु परमादी हैं। मेरापी पर्वत तब फूटता है जब ये आत्माएं बाहर निकलती हैं और अपने राज्य में आती हैं।

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