बाल विवाह के मामले में मुस्लिम-हिंदुओं की गिरफ्तारी दर लगभग बराबर: सरमा

दिसपुर दिनांक 16-मार्च

असम सरकार ने असम में बाल विवाह के खिलाफ एक जोरदार अभियान शुरू किया है। बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद सवाल उठने लगे कि राज्य सरकार ने बाल विवाह के आरोपों को लेकर मुसलमानों को परेशान करना शुरू कर दिया है। ज्यादातर गिरफ्तारियां मुस्लिमों की हैं। तब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बारे में जवाब दिया है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान धर्म की अनदेखी की जा रही है। सीएम सरमा ने आंकड़ा भी पेश किया। उन्होंने कहा कि तीन फरवरी तक मुसलमानों और हिंदुओं की गिरफ्तारी की दर लगभग बराबर है।

विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने अपने कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की है, क्योंकि विपक्षी सदस्यों को बुरा लगेगा।’ 3 फरवरी तक चले ऑपरेशन के बाद मुसलमानों और हिंदुओं की गिरफ्तारी का अनुपात लगभग बराबर है।

असम के मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग अपराधियों के लिए रो रहे हैं, लेकिन उस 11 साल की बच्ची के लिए नहीं जो कम उम्र में मां बनी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परिवार के आंकड़ों के मुताबिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) बाल विवाह के अधिकांश मामले धुबरी से हैं और दक्षिण सलमारा (मुस्लिम बहुल जिले) से आए हैं न कि डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया से। हालांकि चूंकि आप सब कुछ सांप्रदायिक बना रहे हैं, मैंने डिब्रूगढ़ के एसपी को फोन किया है वहां भी ऐसे मामले सामने आए तो कार्रवाई करने के लिए आइए।

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