-कार्यक्रम के दौरान लोगों को टीबी के बारे में किया जाएगा जागरूक-मौके पर मौजूद टीबी के लक्षण वाले लोगों की जांच को लेकर लिए जाएंगे सैंपल बांका-शुक्रवार को विश्व टीबी (यक्ष्मा) दिवस है। इस बार की थीम है, यस! वी कैन इंड टीबी! यानी कि हां, हमलोग टीबी को खत्म कर सकते हैं। बस, इसके लिए लोगों में जागरूकता की जरूरत है। इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए आज जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्हें टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ-साथ सरकारी स्तर पर टीबी मरीजों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं, इसकी जानकारी दी जाएंगी। मौके पर टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति की जांच के लिए सैंपल भी लिए जाएंगे। सीडीओ डॉ सोहेल अंजुम ने कहा कि टीबी दिवस को लेकर हमलोगों ने व्यापक तैयारी की है। जैसा कि इस बार का थीम भी है कि हमलोग टीबी को खत्म कर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार सामुदायिक स्तर पर लोगों में जागरूकता बढ़ाने का हमलोगों ने निर्णय लिया है। इसी के मद्देनजर जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान लोग टीबी के प्रति जागरूक भी होंगे और मौके पर ही टीबी के लक्षण वाले लोगों की जांच के लिए सैंपल भी लिए जाएंगे। इसके अलावा मंडल कारा में टीबी जांच के लिए शिविर भी लगाया जाएगा। इस दौरान जेल में बंद कैदियों की जांच के लिए सैंपल भी लिए जाएंगे। हर माह की 16 तारीख को निक्षय दिवस मनेगाः डॉ. सोहेल अंजुम ने बताया कि हमलोगों को 2025 तक बांका जिला को टीबी से मुक्त बनाना है। इसे लेकर बड़े पैमाने पर काम हो रहे हैं। इसी सिलसिले में हर माह की 16 तारीख को जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निक्षय दिवस मनाने का फैसला किया गया है। इसके तहत पंचायतों और गांवों के अधिक से अधिक लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया जाएगा और अगर कोई टीबी के लक्षण वाला व्यक्ति मिलता है तो उसकी जांच भी की जाएगी।आशा फैसिलिटेटर को दिया गया है प्रशिक्षणः जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय ने बताया कि जिले में टीबी को लेकर अभियान को तेज करने के मद्देनजर पिछले दिनों जिले की आशा फैसिलिटेटर को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में जिन बातों की जानकारी उन्हें दी गई, उनका वे लोग क्षेत्र में अनुसरण करेंगी। क्षेत्र में टीबी मरीजों की पहचान में तेजी लाएंगी। मरीजों की जितनी जल्दी पहचान होगी, उतना ही जल्द उनका इलाज शुरू होगा। इससे टीबी के संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी।सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था मुफ्तः डॉ. सोहेल अंजुम ने बताया कि टीबी के लक्षण दिखते ही ऐसे मरीजों को तुरंत स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जांच करानी चाहिए और जांच के पश्चात चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार इलाज कराना चाहिए। ताकि समय रहते आसानी के साथ इस बीमारी को मात दी जा सके और अन्य लोगों को भी सुरक्षित रखा जा सके। बीमारी से स्थाई निजात के लिए शुरुआती दौर में ही जांच और इलाज कराना बेहद जरूरी है। जिले के सभी सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क जांच एवं दवाई की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही ऐसे मरीजों को उचित पोषक आहार लेने के लिए आर्थिक सहायता राशि भी दी जाती है।