–टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की दी गई जानकारी–जिले के अस्पतालों में कार्यक्रम का किया गया आयोजन
बांका, 24 मार्च
विश्व टीबी दिवस पर शुक्रवार को जिले में जागरूकता कार्यक्रम किए गए। जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी और हेल्थ एंड वेलनस सेंटर में कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया गया।
जागरूकता कार्य़क्रम के दौरान लोगों को टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी गई। सीडीओ डॉ. सोहेल अंजुम ने बताया कि विश्व टीबी दिवस पर इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम पर ज्यादा जोर दिया गया। इस बार की थीम यस, वी कैन इंड टीबी है। यानी कि हमलोग मिलकर टीबी को खत्म कर सकते हैं। इसके लिए लोगों में भरोसा पैदा करना ज्यादा जरूरी है। इसी मकसद से जागरूकता कार्यक्रम पर जोर दिया गया।
ऐसा देखा जाता है कि टीबी के मामले ज्यादा घनी आबादी वाले क्षेत्रों या ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा पाया जाता है, जहां कि शिक्षा की दर कम हो। इसलिए उन जगहों पर जाकर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने का काम किया गया।सरकारी अस्पतालों में टीबी के इलाज की व्यवस्था मुफ्तः डॉ. सोहेल अंजुम ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी के इलाज की मुफ्त व्यवस्था है। जांच, इलाज से लेकर दवा तक की व्यवस्था मुफ्त है। इसलिए लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए। अगर जरा सा भी टीबी के लक्षण दिखे तो तत्काल सरकारी अस्पताल में जाकर जांच करानी चाहिए।
जांच में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए। जल्द इलाज शुरू होने से टीबी जल्द ठीक हो जाता है और दूसरे लोगों में भी इसका प्रसार नहीं होता है।
सरकारी सुविधाओं की भी दी गई जानकारीः जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय ने बताया कि विश्व टीबी दिवस पर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक तो किया ही गया। साथ में सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। लोगों को यह बताया गया कि न सिर्फ इलाज और दवा मुफ्त है, बल्कि जब तक इलाज चलता है तब तक सरकार की तरफ से पांच सौ रुपये प्रतिमाह मरीजों को पौष्टिक आहार के लिए राशि भी निक्षय पोषण योजना के तहत दी जाती है। इसलिए अगर आर्थिक तौर पर भी कोई सक्षम नहीं है तो उसके इलाज की भी व्यवस्था है। उन्हें कोई चिंता नहीं करनी चाहिए।मंडल कारा में लगाया गया जागरूकता शिविरः टीबी दिवस पर बांका मंडल कारा में सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस दौरान यहां चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रोहित कुमार और डीपीएस गणेश झा ने कैदियों को टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी । इसके अलावा कुछ लोगों की जांच के लिए सैंपल भी लिए गए। इस मौके पर जेल सुप्रिटेंडेंट सुजीत कुमार, एसटीएस शिवरंजन कुमार, एसटीएलएस संजय कुमार सिंह, एलटी अवधेश कुमार ज्योति, एएनएम इंदु चौधरी और एमडब्ल्यूए नंदलाल साह भी मौजूद थे।