आतंकियों को पालने वाला पाकिस्तान खुद ही आतंकवाद का शिकार हो रहा है। पाकिस्तान के लिए ‘पाकिस्तानी तालिबान’ सबसे बड़ा दुश्मन बनकर उभर रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के नाम से मशहूर आतंकी संगठन ने अब अपना टार्गेट बदल लिया है। वे शहरी इलाके में खासतौर पर पुलिस को निशाना बना रहे हैं।
पाकिस्तानी तालिबान’ ऐसे तो खुद को अफगान तालिबान से अलग होने का दावा करता है, लेकिन दोनों समूहों का प्लान एक ही है – ‘इस्लामिक एमिरेट्स बनाना, जहां शरियत के मुताबिक कानून हों।’
पाकिस्तानी तालिबान ने यहां 16 सालों से आतंक फैला रखा है। 2021 के बाद से पाकिस्तान के भीतर यह आतंकी सगंठन खूब एक्टिव हो गया है और पिछले एक-डेढ़ साल में कई घातक हमलों को अंजाम दिया। टीटीपी के लड़ाके पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में छिपा करते थे, और अफगानिस्तान में उनका अड्डा भी था। बाद में सत्ता में आने के बाद तालिबानियों ने खुलेआम टीटीपी के लड़ाके को पनाह देना शुरू कर दिया।
30 जनवरी को ‘पाकिस्तानी तालिबान’ ने पेशावर में एक मस्जिद में विस्फोट कर दिया था। मस्जिद में किए गए हमले में कम से कम 100 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पुलिसकर्मी थे।