दिल के मरीजों और कमजोर इम्युनिटी वालों को कोविड का ज्यादा खतरा

दिल के मरीजों और कमजोर इम्युनिटी वालों को कोविड का ज्यादा खतरा होता है। डॉक्टरों का कहना है कि दिल के मरीजों को कोविड से बचाव करना जरूरी है। चूंकि अभी वायरस संक्रामक ज्यादा है तो इस समय बचाव पर ध्यान देना है। खासतौर पर जिन लोगों के हार्ट की सर्जरी हुई है उनको ध्यान रखना जरूरी है।

संक्रमण की वजह से शरीर के कई अंगों पर असर पड़ता है. इससे हार्ट के फंक्शन पर भी असर पड़ता है। बुजुर्ग मरीजों में ये परेशानी ज्यादा होने की आशंका रहती है। हार्ट सर्जन डॉ अजित जैन बताते हैं कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान कई मरीजों की डेथ हार्ट अटैक की चपेट में आने से हुई थी। शुरू से ही देखा गया है कि हार्ट के मरीजों को कोविड का ज्यादा खतरा होता है। वायरस की वजह से हार्ट की आर्टरीज भी ब्लॉक हो रही है।

आजकल कम उम्र में ही लोग दिल री बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, लेकिन 50 साल से अधिक उम्र वालों को खतरा अधिक रहता है। किसी मरीज को हार्ट डिजीज के साथ डायबिटीज की बीमारी भी है तो खतरा और भी अधिक होता है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम काफी वीक रहता वे कभी भी अपने जीवन को सामान्य रूप से नहीं जी पाते हैं। अगर कमजोर इम्यून सिस्टम पर वायरस का हमला होता है तो स्थिति बिगड़ ही जाती है। अतः जिन लोगों को यह समस्या है, उन्हें सलाह दी जाती है कि —

हार्ट डिजीज की जो दवाएं चल रही हैं उन्हें समय पर लें

दिन में दो बार अपनी बीपी चेक करें

खाने में नमक का सेवन कम करें

डॉक्टर की सलाह के हिसाब से एक्सराइड का रूटीन बनाएं

फ्लू के लक्षण दिखने पर इलाज कराएं

SHARE