500 साल पुराना और 51 शक्तिपीठों में से एक, 3500 फुट की ऊंचाई पर पावागढ मन्दिर, अदभुत तीर्थस्थल

पावागढ।

500 साल पुराना और 51 शक्तिपीठों में से एक, 3500 फुट की ऊंचाई पर पावागढ मन्दिर का पुनरूत्थान हो चुका है। अब यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। यह शक्तिपीठ गुजरात के प्रमुख तीर्थस्थलों में एक है। श्रद्धालुओं में इसकी बहुत अधिक मान्यता है।

इस मंदिर का निर्माण 10वीं और 11वीं शताब्दी के बीच हुआ था. साढ़े 3 हजार फीट की ऊंचाई पर मां काली ने अपना दरबार सजाया है। यह मंदिर गुजरात के सबसे बड़े पर्यटन और तीर्थस्थलों में से एक है, जो हर साल बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता है।

500 साल पहले सुल्तान महमूद बेगड़ा ने इस पवित्र मन्दिर के शिखर की नष्ट कर दिया था। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की पुनर्विकास योजना के तहत इसे ठीक कर दिया गया है। इस पर करीब 500 साल बाद पीएम मोदी ने ध्वज लहराया था।

इस मंदिर में देश के कई राज्यों से श्रद्धालु भक्त राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लोग भी बड़ी तादाद में आते हैं। यह मंदिर एक चट्टान पर घने जंगल के बीच स्थित है। सैंकड़ों साल बाद आज भी ये मंदिर लोगों की श्रद्धा का कंद्र बना हुआ है। मंदिर तक सीढियों के रास्ते या फिर रोपवे के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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