लोगों ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए लगाए हैं पुतले, गाँव में इंसानों से कई गुना हैं पुतले

लोगों ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए पुतले लगाए ताकि वे उनसे बातचीत करते हुए अपना समय गुजार सकें। इस गाँव में इंसानों से कई गुना पुतले रहते हैं। गाँव के लगभग सभी लोग रोजगार के लिए शहरों में पलायन कर चुके हैं और अब इस गांव में कोई बच्चा नहीं रहता। यहाँ केवल बुजुर्ग रहते हैं। इन बुजुर्गों ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए और बातचीत करते हुए समय गुजारने के लिए बडी संख्या में पुतले बनाये हैं।

अक्सर लोग खेतों को पशु-पक्षी नुकसान न पहुंचाए इसके लिए पुतले बनाकर लगाते हैं, देसी भाषा में इसे ही बिजूका या बिजका कहते हैं। सुनने में बेशक अजीब ललेकिन ये सच है. हालांकि उस गांव में बिजूका खेतों को बचाने के लिए नहीं बल्कि लोगों ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए लगाए हैं।

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