कश्मीर फाइल्स के बाद अब केरला स्टोरी से भी ममता बनर्जी के पेट में दर्द हो गया है अतः उन्होंने पश्चिम बंगाल में फिल्म को बैन करने का निर्णय लिया है। कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी को बैन कर दिए जाने के बाद फ्रीडम ऑफ स्पीच पर सिलेक्टिव सोच रखने वाले नेताओं और बुद्धिजिवियों की चुप्पी सवाल खड़ा करता है।
कश्मीर फाइल्स में हिंदुओं का नरसंहार दिखाया गया था, जो कि तथ्यों पर आधारित था। ये सच अपने मूल स्वरूप में सबके सामने आ गया तो समस्या हो गई और होनी ही थी क्योंकि इस सबको करवाने वाले और ऐसा होते हुए देखने वाले, देखकर भी राजनीतिक लाभ उठाने हेतु चुप रहने वाले कभी नहीं चाहते कि उनके द्वारा किए गए घिनोने कार्यों की सच्चाई जनता के सामने आए और जनता उन्हें जूते मारे।
सच की गोली बहुत कड़वी होती है और AK-47 की गोलियों पर भारी पड़ती है। केरला स्टोरी में ये दिखाया गया है कि ISIS हिंदू लड़कियों को कैसे आतंकवादी बना रहा है। जब ये दिखाया जा रहा है तो अभिव्यक्ति की आज़ादी के मेडल विजेताओं के पेट में दर्द शुरू हो गया है।