पाकिस्तानी लेखिका द्वारा पाक आर्मी की सच्चाई

पाकिस्तान की एक लेखिका हैं, आयशा सिद्दीका। इन्होंने एक मशहूर किताब लिखी है पाकिस्तान की आर्मी पर, “Military INC”. इनका मैं युट्युब पर एक विडियो देख रहा था। भारत द्वारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान के हालात पर चर्चा कर रहीं थी और इन्होंने काफी दिलचस्प बातें बतायी। वैसे भाजपा और RSS के प्रति इनके मन में भी वही सोच है जो इमरान खान जैसे लोग रखते हैं।

इन्होंने बताया कि भारत द्वारा 370 हटाने के बाद जब इन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तैनात एक फौजी अफसर से फोन पर बात की और पुछा की क्या आप युद्ध करने जा रहे हैं? तो अफसर बड़े दुखी मन से कहा, नहीं। हम हार जायेंगे। सिद्दीका जी ने बताया कि पाकिस्तान फौज के अंदर हार का गहरा डर है। कारण यह हार पाकिस्तान में मिलिट्री हुकूमत का अंत कर देगी। जो वह नहीं चाहते।

वह बता रहीं थी कि पाकिस्तान फौज एक युद्ध लड़ने वाली प्रोफेशनल आर्मी नहीं है। हम सुबह उठकर जो चाय के साथ बिस्कुट खाते हैं पाकिस्तान फौज उसका भी निर्माण करती है। पाकिस्तान फौज सिरियल, फिल्में, म्युजिक एल्बम में पैसा लगाती है। इनकी खुद की फैक्टरीयां हैं। खुद का बैंक है। ऐसा किसी और देश के फौज द्वारा नहीं किया जाता। यह एक कार्पोरेट की तरह काम करते हैं।

भारत के 370 हटाने से पाकिस्तान की जनता बौखलायी हुई है, वह युद्ध की माँग कर रही है। मरने के लिये तैयार है। लेकिन पाकिस्तान फौज कभी युद्ध नहीं करेगी। कारण युद्ध इनका दबदबा खत्म कर देगा। इसलिये इनकी कोशिश है कि वह विपक्ष को जेल में डालकर या डरा धमका कर देश की जनता को युद्ध के लिये उकसाने से रोक रहे हैं। फौज के प्यादे इमरान खान को कोई आइडीया नहीं है कि क्या करना है, जो फौज कह रही है वह कर रहे हैं।

इमरान खान और फौज चाहती है कि जनता के मन में हिंदू बनाम मुस्लिम की लड़ाई बन जाये। हिन्दुस्तान में दंगे हो, कश्मीर में दंगे हो। ताकि जनता का ध्यान बटा रहे और फौज पर युद्ध का दबाव न आये। साथ ही वह यह भी दिखाये की किस तरह पुरी दुनियाँ मुसलमानो के खिलाफ साजिश कर रही है। यहाँ तक कि मुस्लिम देश भी सिर्फ अपना आर्थिक लाभ सोच कर भारत के साथ खड़े हैं। पाकिस्तान की विदेशनीति बिलकुल कमजोर निकली, देश में निराशा है।

खैर यह तो हुयी आयेशा जी की बात, लेकिन मेरा खुद का मानना है कि पाकिस्तान की जनता के मन में भी यह बात धीरे धीरे समझ आ रही है,या आ जायेगी की उसकी फौज युद्ध चाहती ही नहीं है। चाहती भी है तो कर नहीं सकती, करेगी भी तो हार जायेगी। इसके साथ ही पाकिस्तान में बलुचिस्तान में आग लगी हुई ही है। भारत की नजर POK पर है। कर्ज से पाकिस्तान दबा चला जा रहा है। FATF की ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा बना हुआ है।

कुल मिलाकर पाकिस्तान के हालात और बिगड़ने वाले हैं। उम्मीद करें कि पाकिस्तान में कोई समझदार आदमी पैदा हो जो यह समझ ले कि पाकिस्तान की औकात भारत के मुकाबले कुछ नहीं है। वह कश्मीर कभी नहीं ले सकता। नाराज प्रांतों को साथ में रखने पर खर्च करने से बेहतर है या तो उनसे संवाद कर साथ रखे या अलग हो जाये। फौज का वर्चस्व खत्म कर लोकतंत्र लाये। मुस्लिम मुस्लिम करना छोड़ सिर्फ अपने देश का भला करे और भारत, अफगानिस्तान, ईरान से अपने रिश्ते सुधारे। कारण घर में लगी आग पड़ोसी ही बुझाने आते हैं।

वरना पाकिस्तान में तौबा तौबा का मुकाम ही रहेगा।

SHARE