मणिपुर हिंसा में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन शुरू, कई इलाकों में आमने-सामने हुई फायरिंग, 30 आतंकी ढेर

इंफाल, 28-मई-2023

मणिपुर में मेइती समुदाय को एसटी दर्जा दिए जाने के बाद प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ हिंसा का सिलसिला 24वें दिन भी जारी है। इस हिंसा से राज्य में अशांति देखी जा रही है। यहां मौत के आंकड़ों ने जहां सभी को झकझोर कर रख दिया है, वहीं सुरक्षाबलों ने यहां एक बड़ा अभियान छेड़ रखा है। मणिपुर के कई इलाकों में पुलिस जवानों और हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी जारी है। पिछले 8 घंटे से दोनों ओर से भारी गोलीबारी जारी है।

इस गोलीबारी के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि अब तक 30 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। ये आतंकी नागरिकों के खिलाफ एम-16 और एके-47 असॉल्ट राइफल और स्नाइपर राइफल का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे कई गांवों में घरों में आग लगाने आए। हमने सेना और अन्य सुरक्षा बलों की मदद से उनके खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है।

मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दावा किया है कि आतंकवादी आम नागरिकों पर फायरिंग कर रहे हैं। लड़ाई मणिपुर और राज्य सरकार को तोड़ने की कोशिश कर रहे सशस्त्र आतंकवादियों के बीच है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, विद्रोहियों ने कल रात दो बजे इंफाल घाट और उसके आसपास एक साथ हमले किए। इन क्षेत्रों में सेकमाई, सुगनू, कुम्बी, फेयेंग और सायरो शामिल हैं। कई अन्य इलाकों में फायरिंग और सड़कों पर लावारिस हालत में शव पड़े होने की खबरें आ रही हैं।

कहा जाता है कि सेकमई में झड़प खत्म हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंफाल के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के डॉक्टरों का कहना है कि फायेंग में हुई मुठभेड़ में 10 लोग घायल होकर अस्पताल पहुंचे हैं। जबकि बिशनपुर के चंदनपोकपी में 27 वर्षीय किसान खुमानथेम कैनेडी की कई गोलियां लगने से मौत हो गई है। उनके शवों को रिम्स अस्पताल ले जाया गया है और अभी भी कई लोगों के मरने की आशंका है।

गृह मंत्री अमित शाह कल मणिपुर दौरे पर जा रहे हैं। उन्होंने मेइती और कुकी दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपील की। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए कल राज्य के दो दिवसीय दौरे पर गए थे। इंफाल घाटी में और उसके आसपास रहने वाले मैतेई लोगों और पहाड़ियों में रहने वाली कुकी जनजातियों के बीच यौन हिंसा जारी है। मेइती लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के कारण कुकी समुदाय के साथ हिंसक झड़पें हुईं। अब तक 70 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। विवाद तीन मई को शुरू हुआ था।

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