बांग्लादेशी घुसपैठियों ने पश्चिमी बंगाल में मुस्लिम आबादी बढ़ा दी है। कोलकाता का भी बुरा हाल है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है जबकि हिंदुओं की आबादी में कमी आयी है। बांग्लादेश से सटे सीमावर्ती जिलों उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद, मालदा आदि में मुस्लिम आबादी बहुत तेजी से बढ़ी है।
कोलकाता के राजाबाजार, मटियाब्रुज, खिदिरपुर, गार्डेनरीच, मछुआ, बड़ाबाजाार यहां तक की भवानीपुर, बालीगंज में मुस्लिम समुदाय की आबादी तेजी से बढी है और बंगाली हिंदुओं का पलायन हुआ है।
बांग्लादेशी घुसपैठ और मुस्लिमों की जनसंख्या में वृद्धि को इन आंकड़ों से समझा जा सकता है। 1991 में मुस्लिमों का प्रतिशत 19.5 था, जो 2011 में बढ़कर 27.3 प्रतिशत हो गया है।
कोलकाता में 1951 से 2021 के दौरान मुस्लिमों की आबादी 12 फीसदी से बढ़कर 20.6 फीसदी हो गयी है, जबकि हिंदुओं की आबादी 1951 में 83.41 फीसदी थी, जो साल 2021 में घटकर 76.51 फीसदी हो गयी। लगभग छह फीसदी से अधिक हिंदू आबादी में कमी आई है और यह ट्रेंड अभी भी जारी है।