भारत के योग गुरुओं का पूरी दुनिया में योग विज्ञान के प्रसार में अहम योगदान

नई दिल्ली।

भारत के योग गुरुओं ने पूरी दुनिया में योग विज्ञान के प्रसार में अपना अहम योगदान दिया। योग ने पूरी दुनिया को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया। दुनिया भर में योग की बढ़ती लोकप्रियता के कारण ही संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है। योग दिवस मनाने की शुरूआत साल 2014 से हुई थी। योग को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए प्राचीन और आधुनिक भारतीय योग गुरुओं का अहम योगदान है।

योग की शुरूआत महर्षि पतंजलि ने की थी। महर्षि पतंजलि ने योग के 195 सूत्रों को प्रतिपादित किया था और ये सूत्र ही योग का आधार हैं।उन्होंने अष्टांग योग के बारे में भी बताया, जिसे स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी माना गया है।

स्वामी विवेकानंद ने योग के जरिए ही दुनिया भर में भारतीय समाज के बारे में बताया। उन्होंने राज, कर्म और भक्ति योग के बारे में लोगों बताया।योग से मानसिक अशांति और दिमाग की कठिनाइयों से निकलने का रास्ता भी स्वामी विवेकानंद ने ही बताया।

आचार्य बीकेएस अयंगर ने ही महर्षि पतंजलि के योग सिद्धांतों को आगे बढ़ाया। अयंगर ने ही दुनिया को योग के फायदों के बारे में रुबरू करवाया। साल 2014 में अयंगर का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।

आचार्य के. पट्टभि जॉयस ने एक्ट्रेस मडोना और ग्वैनथ प्वैलेट्रो जैसे तमाम बड़े हॉलीवुड स्टार्स को योग सिखाया। उन्होंने अष्टांग विन्यास योग में विशेषज्ञता हासिल की थी।

तिरुमलाई कृष्णमचार्य का नाम भी आधुनिक योग के पिता के रूप में लिया जाता है। खास बात ये है कि इन्हें योग के अलावा आयुर्वेद का भी गूढ़ ज्ञान था। योग को लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने भारत भर में भ्रमण किया।

महर्षि महेश योगी ने ट्रांसैडेंटल मेडिटेशन के बारे में लोगों को बताया। डॉक्टर स्वामी शिवानंद ने हठ, कर्म और मास्टर योग के बारे में दुनिया को बताया।

वर्तमान समय में प्रसिद्ध योग गुरू स्वामी रामदेव जी दुनिया भर में लोगों को योग से अवगत करा रहे हैं और स्वस्थ रहने का योगमन्त्र सिखा रहे हैं।

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