भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आईआईटी मद्रास के 60वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। उन्होंने इस दीक्षांत समारोह में टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बारे में बताया। उन्होंने बयान देते हुए कहा कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैट जीपीटी जैसे सॉफ्टवेयर ने जिंदगी को आसान बना दिया है। आज इस सॉफ़्टवेयर का उपयोग चुटकुले बनाने से लेकर कोडिंग और कानूनी विषय लिखने तक हर चीज़ के लिए किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा शब्द है जो हर किसी की जुबान पर है। इससे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की क्षमता बढ़ाने में मदद मिली है। इसके साथ ही चैट जीपीटी सॉफ्टवेयर का उपयोग भी बढ़ गया है। इसका उपयोग चुटकुले बनाने से लेकर कोडिंग और कानूनी विषयों को लिखने तक होता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए भी प्रायोगिक तौर पर एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीजेआई ने कहा कि, जैसे-जैसे हम भविष्य की ओर बढ़ते हैं, हमें यह देखना होगा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मानव विकास में कैसे मदद कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल गलत उद्देश्यों के लिए करने के प्रति भी आगाह किया और कहा कि इसका दुरुपयोग लोगों के मन में डर पैदा करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा लोग खुलकर अपनी बात नहीं रख पाएंगे।
उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी को तेज और तत्काल संचार के लिए सोशल मीडिया और एआई के दुरुपयोग को रोकने में सक्षम होना चाहिए क्योंकि मानवीय मूल्य और गोपनीयता बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ ऑनलाइन धमकियां, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न की घटनाएं भी सामने आ रही हैं और यह भी स्पष्ट है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग हानिकारक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।